डीयू में एबीवीपी छात्रसंघ दफ्तर में तोड़फोड़ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, जांच के लिए समिति गठित

नई दिल्ली, 15 जुलाई . दिल्ली विश्वविद्यालय के अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रसंघ कार्यालय में तोड़फोड़ को लेकर एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने सोमवार को एनएसयूआई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. एबीवीपी का कहना है कि जब तक इस घटना को अंजाम देने वाले एनएसयूआई के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक यह विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. वहीं, जरूरत पड़ी तो अनशन भी शुरू किया जाएगा. इसके अलावा, दिल्ली यूनिवर्सिटी ने मामले में सख्त रुख अख्तियार करते हुए जांच के लिए कमेटी भी गठित की है.

दरअसल, छात्रसंघ कार्यालय में तोड़फोड़ की घटना रविवार को हुई थी. बताया जा रहा है कि डूसू के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के बीच मारपीट हुई. डूसू के अध्यक्ष तुषार डेढा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से हैं, जबकि उपाध्यक्ष अभि दहिया एनएसयूआई से हैं.

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का आरोप है कि एनएसयूआई ने इस घटना को अंजाम दिया है. अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर घटना का वीडियो साझा कर एबीवीपी ने कहा, “आज सुबह 3-4 बजे के बीच एनएसयूआई के गुंडे दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ कार्यालय में घुस गए, जिससे अफरा-तफरी मच गई. उन्होंने अध्यक्ष के कार्यालयों के दरवाजे तोड़ दिए. तुषार डेढा और सचिव अपराजिता के कार्यालय में तोड़फोड़ की और भगवान राम की मूर्तियां और स्वामी विवेकानंद जैसे महान नेताओं की तस्वीरें बाहर फेंक दीं. एबीवीपी घटना की निंदा कर उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करती है.”

दिल्ली छात्र संघ की सचिव अपारिजता ने इस संबंध में से विस्तारपूर्वक बातचीत की. उन्होंने आरोप लगाया कि एनएसयूआई के छात्रों ने छात्रसंघ कार्यालय में जबरन घुसकर उत्पात मचाया और संपत्ति को क्षति भी पहुंचाई. अपराजिता ने कहा, “दिल्ली छात्र संघ कार्यालय में एनएसयूआई के छात्रों द्वारा जबरन घुसकर तोड़फोड़ की गई. इस दौरान, प्रेसिडेंट और ज्याइंट प्रेसिडेंट के दफ्तर को तोड़ा गया, लिहाजा हमारी मांग है कि पुलिस इस पूरे मामले को संज्ञान में लेकर प्राथमिकी दर्ज कर त्वरित कार्रवाई करे और दिल्ली छात्र संघ के उपाध्यक्ष इस्तीफा दें. हालांकि, घटनास्थल पर कोई सीसीटीवी फुटेज नहीं है, लेकिन उसके आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज के जरिए हम घटना से जुड़े साक्ष्यों को प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि मामले की तह तक पहुंचा जा सकें और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकें.“

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के स्टेट सेक्रेटरी हर्ष हेत्री ने से इस संबंध में विस्तारपूर्वक बात की. उन्होंने कहा, “एनएसयूआई लगातार दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस में अवैध वसूली करना चाहता है. वो इसे अय्याशी का अड्डा बनना चाहते हैं. इसके लिए वो इस तरह की कोशिशों में जुटे हुए हैं. वो चाहते हैं कि दिल्ली छात्र संघ के कार्यालय उनके लिए अय्याशी का अड्डा बने, जहां वो जब चाहें, तब शराब पी सकें. जो मन में आए, वो कर सकें. दिल्ली छात्र संघ के बजट का दुरुपयोग कर सकें, ऐसी मंशा होने की वजह से उनका पिछले कई दिनों से दिल्ली छात्र संघ के साथ मतभेद चल रहा है और जब उन्हें लगा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के हाथों में दिल्ली छात्र संघ की कमान होने की वजह से उनके हाथ कुछ नहीं लग पाएगा, तो उन्होंने साजिश के तहत दिल्ली छात्र के संघ के मार्कशीट को फर्जी बताया और एनएसयूआई अपने इन नापाक मंसूबों को जमीन पर उतारने में नाकाम हुआ, तो इन लोगों ने जानबूझकर ऐसी हिंसात्मक स्थिति को अंजाम दिया. यह सुनियोजित ढंग से किया गया. मैं यहां सवाल करना चाहूंगा कि क्या रात में एक साथ 30 से 40 लोगों का एकत्रित होना कोई संयोग है? यह लोग इस इंतजार में बैठे हुए थे, तो कोई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कोई पदाधिकारी इनके हाथ लगे और जब इनके हाथ कोई नहीं लगा, तो इन लोगों ने इस हिंसा को अंजाम दिया.“

उन्होंने आगे कहा, “इन लोगों ने अपनी सारी हदें पार कर दीं. पहले इन्होंने भगवान की प्रतिमा क्षतिग्रस्त कर दी. इसके बाद स्वामी विवेकानंद द्वारा युवाओं के संबंध में कहे गए प्रेरणास्त्रोत पोस्टरों को हटाया. ऐसे कुकृत्य करने वाले लोगों का दिल्ली छात्र संघ में कोई काम नहीं है. हमारी मांग है कि ऐसे कुकृत्यों को अंजाम देने वाले आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. हमने इस संबंध में पुलिस थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराई है.“

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय महामंत्री शिवांगी खांडवाल ने इस संबंध में से विस्तार से बातचीत की. उन्होंने कहा, “दिल्ली विश्वविद्यालय में अखिल विद्यार्थी परिषद के छात्र संघ से जुड़े छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं. कल का दिन दिल्ली विश्वविद्यालय के लिए काला दिन था. कल की घटना निंदनीय व शर्मनाक थी. छात्रसंघ कार्यालय में हमला किया गया. कार्यालय की परिसंपत्तियों को क्षतिग्रस्त किया. मैं यहां उनसे सवाल करना चाहूंगी कि क्या दिल्ली विश्वविद्यालय ने उन्हें इसलिए भेजा कि वो कार्यालय में शराब पी सकें. अपने कार्यकाल की वो मुझे अपनी एक उपलब्धि तक नहीं बता सकते हैं, क्योंकि उन्होंने आजतक छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए कुछ नहीं किया है. उन्होंने आज तक सिर्फ और सिर्फ अपना ही हित साधने का प्रयास किया. लिहाजा हमारी मांग है कि हमारे उपाध्यक्ष इस्तीफा दें और उनका रूम सीज किया जाए, नहीं तो आज हम प्रदर्शन कर रहे हैं और अगर कल जरूरत पड़ी, तो अनशन भी करेंगे.”

एसएचके/