आयोग व सरकार बीपीएससी अभ्‍यर्थ‍ियों की मांगों के प्रत‍ि संवेदनशील : दिलीप जायसवाल

पटना, 25 दिसंबर . बीपीएससी कार्यालय का घेराव करने पहुंचे अभ्यर्थियों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज क‍िया गया. इस घटना के बाद से विपक्ष ने बिहार की एनडीए की सरकार को निशाने पर ले लिया. इस मामले पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि बीपीएससी के छात्र हमसे मिलने आए थे और हमने उनकी सभी बातों का सुना है.

उन्होंने कहा है कि आयोग एक स्वतंत्र संस्था है और एक केंद्र पर अनियमितताएं पाई गईं. एक बड़े सेंटर जहां पर 12 हजार से ज्यादा उम्मीदवार थे, वहां परीक्षा रद्द कर दी गई. आयोग और सरकार इस मुद्दे को लेकर संवेदनशील हैं. अगर छात्रों को लगता है कि किसी अन्य केंद्रों पर भी अनियमितताएं थीं, तो वे आयोग को सबूत दे सकते हैं और उस पर ध्यान दिया जाएगा..

उन्होंने पूर्व पीएम के जन्मदिवस पर कहा है कि आज बूथ स्तर पर अटल विहारी वाजपेयी का जन्मदिवस मनाया गया. देश के विकास में उनका योगदान काफी महत्वपूर्ण था. वह हमारे लिए विरासत के रूप में हैं.

जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने बीपीएससी वाले मामले पर कहा है कि बीपीएससी एक संवैधानिक संस्था है. किसी को भी कोई शिकायत हो तो वो साक्ष्य के साथ अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. लेकिन इस पूरे मामले में असली गुनहगार तेजस्वी यादव हैं, वह बच्चों को कभी परीक्षा तिथि तो कभी नॉर्मलनाइजेशन के नाम पर भटका रहे हैं.

उधर, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर क‍िए पोस्ट में लिखा कि पटना में आज जिस तरह से बीपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों पर बर्बर लाठीचार्ज किया गया वह अलोकतांत्रिक और शर्मनाक है.

छात्र बीपीसीसी परीक्षाओं में अनियमितताओं से नाराज़ हैं और परीक्षाओं को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. ऐसे में आप उनसे बात करने के बजाय उन पर लाठी चार्ज कर रहे हो? छात्रों का प्रदर्शन तो अब तक पूरी अहिंसक रहा है और धरना प्रदर्शन और आपत्ति दर्ज कराना उनका अधिकार भी है. नीतीश कुमार संभवतः बंधक बना लिए गए हैं जो इस तरह के अमानवीय कृत्य को होते देख रहे हैं, मगर खामोश हैं. कभी डीएम थप्पड़ मार दे रहा, कभी पुलिस लाठीचार्ज कर दे रही. कोई भी चुनी हुई सरकार इतनी असंवेदनशील कैसे हो सकती है.

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