New Delhi, 4 अक्टूबर . अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अनुसार, सौरमंडल से 61 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से गुजर रहे दुर्लभ धूमकेतु 3आई/एटलस से पृथ्वी को कोई खतरा नहीं है.
धूमकेतु 3आई/एटलस हमारे सौर मंडल के बाहर खोजा गया तीसरा ज्ञात पिंड है, इससे पहले ‘ओउमुआमुआ’ (2017 में) और 2आई/बोरिसोव (2019 में) खोजे गए थे.
अक्षर ‘आई’ का अर्थ ‘इंटरस्टेलर’ (अंतरतारकीय) है, जो दर्शाता है कि यह पिंड हमारे सौर मंडल के बाहर से आया है. यह तीसरा ज्ञात अंतरतारकीय पिंड है, इसलिए इसके नाम में ‘3’ लगा है.
इसे सबसे पहले चिली के रियो हर्टाडो में नासा द्वारा वित्त पोषित एटलस (क्षुद्रग्रह स्थलीय-प्रभाव अंतिम चेतावनी प्रणाली) सर्वेक्षण दूरबीन ने खोजा था. इसने 1 जुलाई, 2025 को धूमकेतु 3आई/एटलस के लघु ग्रह केंद्र का अवलोकन किया.
नासा के अनुसार, यह दुर्लभ धूमकेतु बहुत तेज गति से यात्रा कर रहा है, फिर भी इससे हमें कोई खतरा नहीं है.
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, “जब इसकी खोज हुई थी, तब यह अंतरतारकीय धूमकेतु लगभग 137,000 मील प्रति घंटे (221,000 किलोमीटर प्रति घंटे या 61 किलोमीटर प्रति सेकंड) की गति से यात्रा कर रहा था, और जैसे-जैसे यह सूर्य के निकट आएगा, इसकी गति बढ़ती जाएगी.”
3आई/एटलस के 30 अक्टूबर के आसपास सूर्य के सबसे निकट बिंदु पर पहुंचने की उम्मीद है, जो मंगल की कक्षा के ठीक अंदर लगभग 21 करोड़ किलोमीटर की दूरी पर होगा.
नासा ने कहा, “धूमकेतु 3आई/एटलस पृथ्वी के लिए कोई खतरा नहीं है और यह पृथ्वी से बहुत दूर रहेगा. यह हमारे ग्रह के सबसे निकट लगभग 1.8 खगोलीय इकाइयों (लगभग 17 करोड़ मील या 27 करोड़ किलोमीटर) की दूरी पर होगा.”
हबल, वेब और स्फेयरएक्स सहित अपने विभिन्न अंतरिक्ष दूरबीनों के माध्यम से धूमकेतु पर नजर रख रही अंतरिक्ष एजेंसी ने पुष्टि की है कि इस अंतरतारकीय पिंड के पृथ्वी से टकराने का कोई खतरा नहीं है.
इसमें आगे कहा गया है, “हालांकि इस पिंड का प्रक्षेप पथ इसे आंतरिक सौरमंडल में लाता है, यह पृथ्वी के करीब नहीं आएगा. जैसे-जैसे धूमकेतु 3आई/एटलस सौरमंडल से होकर गुजरेगा, यह हमारे ग्रह से 1.8 खगोलीय इकाइयों (लगभग 17 करोड़ मील या 27 करोड़ किलोमीटर) से ज्यादा करीब नहीं आएगा.”
यह धूमकेतु अक्टूबर के अंत में सूर्य के पीछे से गुजरेगा और मार्च 2026 में बृहस्पति के पास से गुजरकर हमारे सौरमंडल से बाहर निकल जाएगा.
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केआर/