झारखंड में ‘वंदे मातरम’ की 150वीं वर्षगांठ पर सामूहिक गायन, मरांडी बोले- भारतीय गौरव का उद्घोष है राष्ट्रगीत

रांची, 7 नवंबर . India के राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ की रचना के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में प्रदेश भाजपा ने Friday को राज्यभर में जगह-जगह सामूहिक गान कार्यक्रम आयोजित किया. मुख्य कार्यक्रम पार्टी मुख्यालय रांची में हुआ, जबकि धनबाद, देवघर और दुमका सहित विभिन्न जिलों में भी कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों ने एक स्वर में ‘वंदे मातरम’ गाकर राष्ट्रगीत के गौरवशाली इतिहास को नमन किया.

प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने 1875 में जब ‘वंदे मातरम’ लिखा, तब उन्होंने India माता को त्रिदेवियों—दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती—के रूप में देखा. उन्होंने कहा, “अन्याय और अत्याचार के खिलाफ लड़ती India माता दुर्गा हैं, समृद्धि लक्ष्मी हैं और ज्ञान-विज्ञान की ज्योति सरस्वती हैं.”

प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष एवं सांसद आदित्य साहू ने कहा कि प्राचीन India वह भूमि है जिसने धरती को केवल मिट्टी नहीं, बल्कि मातृभूमि के रूप में पूजनीय माना. इसी भाव से ‘वंदे मातरम’ के स्वर फूटे, जो आज भी देश की आत्मा में गूंजते हैं.

प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह ने कहा कि ‘वंदे मातरम’ कोई गीत नहीं, बल्कि India माता की आराधना का जागृत मंत्र है. उन्होंने कहा कि इसी मंत्र से विकसित, आत्मनिर्भर और स्वाभिमानी India का स्वप्न साकार होगा.

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद प्रो. यदुनाथ पांडेय ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान असंख्य क्रांतिकारियों ने ‘वंदे मातरम’ गाते हुए फांसी के फंदे को चूमा था. यह गीत उनके लिए प्रेरणा और शक्ति का स्रोत था.

कार्यक्रम में विधायक सी.पी. सिंह, प्रदेश कार्यालय मंत्री हेमंत दास, सह संयोजक मनोज महतो, सीमा सिंह, राजश्री जयंती, शालिनी नायक और अनेक भाजपा पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे. सैकड़ों की संख्या में उपस्थित लोगों ने एक स्वर में ‘वंदे मातरम’ गाकर वातावरण को राष्ट्रभाव से ओतप्रोत कर दिया. कार्यक्रम की संयोजक प्रदेश मंत्री सुनीता सिंह ने कहा कि ‘वंदे मातरम’ के माध्यम से India की सांस्कृतिक चेतना को फिर से जाग्रत करने का प्रयास किया गया है.

एसएनसी/डीकेपी