कोचीन एयरपोर्ट बीपीसीएल के साथ हरित हाइड्रोजन संयंत्र स्थापित करेगा

कोच्चि, 14 फरवरी . कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (सीआईएएल) ने अपनी हरित ऊर्जा पहल को बढ़ावा देने के लिए एक रणनीतिक कदम में, कोचीन एयरपोर्ट पर हरित हाइड्रोजन प्लांट स्थापित करने के लिए भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है. यह पूरी तरह से सौर ऊर्जा से संचालित दुनिया का पहला एयरपोर्ट है.

तकनीकी कौशल और बुनियादी ढांचे के संयोजन से इस सहयोग की वजह से एयरपोर्ट के भीतर स्थित दुनिया का पहला ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र और ईंधन स्टेशन स्थापित होगा. ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र के लिए समझौता विनिमय समारोह मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और सीआईएएल के अध्यक्ष की उपस्थिति में तिरुवनंतपुरम स्थित विधान परिसर आयोजित किया गया था.

सीआईएएल को बड़े सौर संयंत्रों की स्थापना के माध्यम से हरित ऊर्जा की प्रभावी तैनाती के लिए जाना जाता है, और एक जल विद्युत स्टेशन की अब संचयी स्थापित क्षमता 50 मेगावाट है जो प्रतिदिन दो लाख यूनिट बिजली का उत्पादन करती है.

12 मेगावाट की क्षमता वाले अपने पहले संयंत्र की स्थापना के बाद से, यह अपनी क्षमताओं में वृद्धि कर रहा है. अब एयरपोर्ट परिसर में 1,000 किलोवाट की पायलट परियोजना स्थापित करने के लिए बीपीसीएल के साथ रणनीतिक सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं.

समझौते के तहत, बीपीसीएल कोचीन एयरपोर्ट पर एकीकृत हरित हाइड्रोजन संयंत्र और ईंधन स्टेशन की स्थापना की देखरेख करेगा, प्रौद्योगिकी प्रदान करेगा और संचालन का प्रबंधन करेगा.

सीआईएएल उपयुक्त भूमि, जल और हरित ऊर्जा संसाधनों का योगदान देगा. संयंत्र के प्रारंभिक उत्पादन का उपयोग एयरपोर्ट के भीतर वाहनों को बिजली देने के लिए किया जाएगा.

सीआईएएल के प्रबंध निदेशक एस सुहास ने कहा, ”स्थायी विमानन में अग्रणी के रूप में, सीआईएएल को सीआईएएल के एक एयरपोर्ट में देश का पहला ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र स्थापित करने की दिशा में बीपीसीएल के साथ एक अभूतपूर्व यात्रा शुरू करने की खुशी है.”

उन्होंने यह भी कहा कि यह रणनीतिक सहयोग हरित ऊर्जा के प्रति सीआईएएल की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है और विमानन परिदृश्य में शून्य-कार्बन भविष्य के करीब ले जाता है.

बीपीसीएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक जी. कृष्णकुमार ने टिकाऊ समाधानों की दिशा में यात्रा में एक महत्वपूर्ण क्षण के रूप में सहयोग पर प्रकाश डाला. उन्होंने सार्थक परिवर्तन लाने में नवाचार और साझेदारी के महत्व को बताया, ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी पहल के माध्यम से भारत की ऊर्जा स्वतंत्रता के लिए बीपीसीएल की प्रतिबद्धता पर जोर दिया, जैसा कि बीपीसीएल द्वारा भारत ऊर्जा सप्ताह 2024 में प्रदर्शित स्वदेशी इलेक्ट्रोलाइज़र द्वारा प्रमाणित है.

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