नई दिल्ली, 5 मार्च . देश में कैप्टिव और कमर्शियल खदानों से कोयला उत्पादन में सालाना आधार पर 32.5 प्रतिशत की बढ़त हुई है. यह जानकारी कोयला मंत्रालय द्वारा सोमवार को दी गई.
कोयला मंत्रालय ने बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में अप्रैल से फरवरी तक की अवधि में कैप्टिव और कमर्शियल खदानों से कोयला उत्पादन बढ़कर 167.36 मिलियन टन (एमटी) हो गया है, जो कि पिछले साल समान अवधि में 126.28 एमटी था.
मंत्रालय ने कहा कि कोयला डिस्पैच में तेज वृद्धि देखी गई है. इस वित्त वर्ष में यह बढ़कर 170.66 एमटी हो गया है, जो कि पिछले साल समान अवधि में 128.45 एमटी था. यह 32.86 प्रतिशत की सालाना वृद्धि को दिखाता है, जिससे बिजली, स्टील और सीमेंट जैसे प्रमुख क्षेत्रों को स्थिर और निर्बाध कोयला आपूर्ति सुनिश्चित होती है.
बयान में कहा गया कि प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड को दी गई भास्करपारा कोयला खदान 15 फरवरी, 2025 से शुरू हो गई है और इसकी अधिक क्षमता 15 एमटी की है.
खनन क्षेत्र में अधिक निवेश और बेहतर प्रौद्योगिकी को आकर्षित करने के लिए आर्थिक सुधार प्रक्रिया के एक भाग के रूप में कमर्शियल खदानों की शुरुआत की गई थी.
कोयला मंत्रालय ने अब कमर्शियल खदानों की नीलामी के 12वें दौर के लिए रोड शो शुरू किया है, जिसकी शुरुआत मार्च के दूसरे सप्ताह में होने की उम्मीद है.
कोयला मंत्रालय ने हाल ही में रोड शो शुरू किया गया, जिसमें मंत्रालय ने पक्षकारों के साथ बातचीत की. यह आयोजन घरेलू कोयला उत्पादन बढ़ाने और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाता है.
पिछले महीने कमर्शियल कोयला नीलामी के 11वें दौर में नीलामी के लिए रखे गए 27 ब्लॉकों में से 20 कोयला खदानों के लिए कुल 70 बोलियां प्राप्त हुई थी.
कोयला मंत्रालय ने नवंबर 2024 में नौ खदानों की सफलतापूर्वक नीलामी की. इन खदानों से लगभग 1,446 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व उत्पन्न होने, लगभग 2,115 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश आकर्षित होने और 19,063 रोजगार अवसर पैदा होने की उम्मीद है.
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एबीएस/