रांची, 12 सितंबर . केंद्रीय कोयला एवं खनन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कोयला उद्योग में काम करने वाले नियमित और कांट्रैक्ट कर्मियों के बीमा और कल्याण के लिए Friday को बड़ी घोषणाएं की हैं. रांची में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कोल इंडिया की माइंस में कार्यरत सभी नियमित कर्मियों को एक करोड़ रुपए का अतिरिक्त बीमा लाभ मिलेगा. इसी तरह संविदा कर्मियों को अतिरिक्त 40 लाख रुपए तक का बीमा लाभ मिलेगा.
नियमित कर्मचारियों को मिलने वाली एक्सग्रेशिया राशि 15 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई है. रेड्डी ने कहा कि यह निर्णय आगामी 17 सितंबर से प्रभावी होगा. उन्होंने कहा कि 17 सितंबर विश्वकर्मा जयंती और Prime Minister Narendra Modi का जन्मदिन है. इस दिन से देशभर की सभी कोल माइंस में पहली बार यूनिफॉर्म ड्रेस कोड भी लागू किया जाएगा. कोल इंडिया के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए जल्द ही यूनिफॉर्म अनिवार्य होगा.
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार कोल माइंस में काम करने वाले कर्मचारियों को सम्मानजनक पहचान देने के लिए यूनिफॉर्म ड्रेस कोड लागू किया जा रहा है. सभी कर्मियों को यूनिफॉर्म कोल इंडिया की ओर से उपलब्ध कराए जाएंगे. भारत में माइनिंग सेक्टर की तरक्की और बेहतरी के लिए Prime Minister Narendra Modi के नेतृत्व वाली सरकार की ओर से उठाए गए कदमों को ऐतिहासिक बताते हुए Union Minister ने कहा कि पहली बार देश का कोल उत्पादन 1 बिलियन टन के पार पहुंचा है.
उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि में झारखंड का अहम योगदान है. Union Minister ने जानकारी दी कि पिछले वित्तीय वर्ष में कोल आयात पर लगभग 60 हजार करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है. उन्होंने कहा कि Government of India घरेलू स्तर पर कोल उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ क्रिटिकल मिनरल्स पर भी जोर दे रही है. इसके लिए नेशनल क्रिटिकल मिनरल्स मिशन की शुरुआत की गई है, जिस पर करीब 32 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इस मिशन का उद्देश्य देश में क्रिटिकल मिनरल्स का उत्खनन बढ़ाना और विदेशों से आयात पर निर्भरता घटाना है.
भारत ने अर्जेंटीना और जाम्बिया जैसे देशों में लिथियम और अन्य खनिजों के लिए समझौते किए हैं. मंत्री ने कहा कि Prime Minister की विकसित भारत की परिकल्पना के तहत ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की पहली प्राथमिकता है. उन्होंने बताया कि देश की 74 प्रतिशत ऊर्जा अभी भी थर्मल पावर से आती है. ऐसे में कोल और माइनिंग मिनिस्ट्री ग्रीन एनर्जी और सौर ऊर्जा के विस्तार पर भी काम कर रही है. साथ ही स्टील, सीमेंट और अन्य उद्योगों के लिए जरूरी खनिजों की आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में प्रयास हो रहे हैं.
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एसएनसी/एएस