कोल इंडिया और बीएचईएल ने अमोनियम नाइट्रेट प्लांट स्थापित करने के लिए हाथ मिलाया

नई दिल्ली, 28 फरवरी . सार्वजनिक क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) और भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) ने बुधवार को जॉइंट वेंचर (जेवी) एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए. जेवी के जरिए कंपनी की योजना सतही कोयला गैसीकरण टेक्नोलॉजी रूट के माध्यम से अमोनियम नाइट्रेट प्लांट स्थापित करने की है.

महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड के ओडिशा के लखनपुर क्षेत्र में स्थापित होने वाला प्लांट शुरू में प्रति दिन 2,000 टन अमोनियम नाइट्रेट का उत्पादन करेगा. वार्षिक उत्पादन 6.60 लाख टन अनुमानित है, जिसके लिए 1.3 मिलियन टन कोयले की जरूरत होगी. कोयले की आपूर्ति सीआईएल करेगी.

कोयला मंत्रालय ने कहा, ”दोनों कॉरपोरेट दिग्गजों का तालमेल और साझेदारी राष्ट्रीय कोयला गैसीकरण मिशन की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो कोयले के रासायनिक गुणों के उपयोग की सुविधा प्रदान करता है.”

अमोनियम नाइट्रेट बल्क विस्फोटकों की मैन्युफैक्चरिंग में एक प्रमुख इंग्रेडिएंट है, जिसे सीआईएल अपने ओसी माइनिंग ऑपरेशन में बड़ी मात्रा में उपयोग करता है और यह कंपनी के लिए कोयला उत्पादन का प्रमुख स्रोत है.

अपकमिंग प्लांट से कच्चे माल को सुरक्षित करने, अमोनियम नाइट्रेट की आयात निर्भरता कम करने और आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी.

कोयला सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा कि सीआईएल और बीएचईएल की प्रतिबद्धता के साथ यह परियोजना एक रोल मॉडल बनेगी.

उन्होंने कहा, ”कोयला मंत्रालय के लिए गैसीकरण बड़ी प्राथमिकता वाला क्षेत्र है. अगले दो से तीन वर्षों में पर्याप्त कोयला होगा.”

सीआईएल के निदेशक (बिजनेस डेवलपमेंट) देबाशीष नंदा और बीएचईएल के निदेशक (इंजीनियरिंग, आरएंडडी) जय प्रकाश श्रीवास्तव ने संबंधित प्रमोटर कंपनियों की ओर से जॉइंट वेंचर एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए हैं.

सीआईएल पावर सेक्टर की जरूरत को पूरा करने के बाद भविष्य में कोयला गैसीकरण जैसे पर्यावरण अनुकूल उद्यमों के लिए कोयले के वैकल्पिक उपयोग को आगे बढ़ाएगी.

प्रोजेक्ट्स एंड डेवलपमेंट इंडिया लिमिटेड को प्लांट की विस्तृत फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने का काम सौंपा गया है.

एफजेड/एबीएम