पेरिस, 28 जुलाई . मनु भाकर का पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में मेडल जीतना उनके और उनके कोच जसपाल राणा के लिए काफी भावुक पल था.
जसपाल राणा ने इस मौके पर कहा, “मुझे इस उपलब्धि पर गर्व है और मैं उन सभी का धन्यवाद अदा करना चाहूंगा, जिन्होंने यह मेडल जीतना संभव बनाया, और जो इस यात्रा की शुरुआत से ही इसका हिस्सा थे. मनु भाकर की उपलब्धि पर सभी को गर्व है. खासकर यह पेरिस ओलंपिक में भारत का पहला मेडल है और वह ओलंपिक में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज बन गई हैं.”
मनु भाकर द्वारा फाइनल के लिए क्वालीफाई करने, मेडल जीतने और मनु भाकर के आने वाले इवेंट पर जसपाल राणा क्या सोच रहे थे, इस सवाल पर राणा ने कहा कि, “मैं इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकता. लेकिन मेरी कोशिश यही थी कि मनु मानसिक तौर पर आरामदायक और शांत स्थिति में रहे. यह काफी महत्वपूर्ण है.”
मनु भाकर ने भी अपनी उपलब्धि के बारे में बात की और कहा, “मैं इवेंट के दौरान सिर्फ कर्म करने पर ध्यान दे रही थी. मैं मेडल जीतने, हारने, गोल्ड मेडल जीतने आदि के बारे में नहीं सोच रही थी. मैं यहां पर भारत का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिलने के लिए बहुत आभारी हूं.
मनु ने कहा कि पिछला साल 2023, उनके लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुआ था. तब उनके कोच ने उनसे पूछा था, आप जिंदगी में क्या करना चाहती हैं?
मनु भाकर ने बताया कि, मैंने कहा कि मुझे नहीं पता है, शायद मैं एक या दो साल में शूटिंग छोड़ दूंगी और अपनी पढ़ाई पर फोकस करूंगी, इसके बाद सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के बारे में भी सोच रही थी.
इस पर कोच ने कहा कि, “आप देश ही नहीं, बल्कि दुनिया की टॉप शूटर में से एक हैं, इसलिए आपको यह तय करना है कि आप क्या करना चाहती हैं. मैंने कोच से पूछा कि अगर वह मेरी जगह होते तो क्या करते?”
“इस पर कोच ने कहा कि वह एक टॉप निशानेबाज होने के नाते अपने मेडल लाने के सपने को पूरा करने के लिए सब कुछ करते. वह अधिक से अधिक मेडल जीतने के लिए पूरी मेहनत करते.”
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