सीएम योगी का बिजली विभाग को सख्त संदेश, ट्रिपिंग, ओवरबिलिंग और अनावश्यक कटौती बर्दाश्त नहीं

लखनऊ, 25 जुलाई . उत्तर प्रदेश के Chief Minister योगी आदित्यनाथ ने Friday को ऊर्जा विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में स्पष्ट शब्दों में कहा कि प्रदेश में बिजली व्यवस्था अब केवल तकनीकी या प्रशासनिक विषय नहीं, बल्कि जनता के भरोसे और शासन की संवेदनशीलता का पैमाना बन चुकी है.

सीएम योगी ने अफसरों को दो टूक शब्दों में कहा कि ट्रिपिंग, ओवरबिलिंग, और अनावश्यक कटौती अब किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं की जाएगी. सुधार करना ही होगा. बैठक में Chief Minister को अवगत कराया गया कि जून 2025 में उत्तर प्रदेश ने रिकॉर्ड 31,486 मेगावाट की अधिकतम बिजली मांग सफलतापूर्वक पूरी की. इस अवधि में 16,930 मिलियन यूनिट बिजली की आपूर्ति की गई. लगातार बढ़ रही उमस (ह्यूमिडिटी) और तापमान ने खपत को अप्रत्याशित रूप से बढ़ाया, इसके बावजूद शहरी क्षेत्रों में औसतन 24 घंटे, तहसील स्तर पर 21.5 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे तक बिजली उपलब्ध कराई गई.

Chief Minister ने ट्रिपिंग की लगातार आ रही शिकायतों पर गहरी नाराजगी जताई और निर्देश दिया कि प्रत्येक फीडर की तकनीकी जांच हो, कमजोर स्थानों की पहचान कर तुरंत सुधार कराया जाए. उन्होंने कहा कि जहां जरूरत हो, वहां ट्रांसफॉर्मरों की क्षमता तुरंत बढ़ाई जाए ताकि ओवरलोडिंग की स्थिति न बने. उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि फील्ड से प्राप्त वास्तविक शिकायतों का समाधान समयबद्ध ढंग से हो, ताकि जनता को राहत मिले.

Chief Minister ने ऊर्जा विभाग के अधिकारियों से कहा कि संसाधनों की कोई कमी नहीं है, सरकार ने बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण को मजबूत करने के लिए रिकॉर्ड बजट उपलब्ध कराया है. ऐसे में किसी स्तर पर लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी. सभी डिस्कॉम के प्रबंध निदेशकों से उनके क्षेत्रों की आपूर्ति की स्थिति जानने के बाद Chief Minister ने निर्देश दिया कि हर स्तर पर जवाबदेही तय की जाए.

बिलिंग व्यवस्था पर बोलते हुए Chief Minister ने कहा कि हर उपभोक्ता को हर महीने सही समय पर स्पष्ट और सटीक बिल मिलना चाहिए. फॉल्स या ओवरबिलिंग जैसी शिकायतें जन विश्वास को तोड़ती हैं और विभाग की साख को नुकसान पहुंचाती हैं. यह किसी भी स्थिति में नहीं होना चाहिए. बिलिंग एफिशिएंसी बढ़ाई जाए. उन्हें जानकारी दी गई कि अब तक 31 लाख उपभोक्ता स्मार्ट मीटर से जोड़े जा चुके हैं और इस प्रक्रिया को ब्लॉक स्तर तक ले जाने का कार्य तेज़ी से जारी है. Chief Minister ने तकनीकी और वाणिज्यिक हानियों (लाइन लॉस) को चरणबद्ध रूप से नीचे लाने का लक्ष्य तय करने के निर्देश दिए.

उन्होंने कहा कि हर डिस्कॉम को अपने स्तर पर ठोस रणनीति बनाकर काम करना होगा. साथ ही, जहां आवश्यक हो, पारेषण व वितरण प्रणाली के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया भी गति पकड़े. बिजली उत्पादन की समीक्षा करते हुए Chief Minister को बताया गया कि राज्य की कुल उत्पादन क्षमता वर्तमान में 11,595 मेगावाट है, जिसमें थर्मल, जल विद्युत, नवीकरणीय और केंद्रीय योजनाओं की परियोजनाएं शामिल हैं. घाटमपुर और मेजा जैसी नई परियोजनाओं के पूरा होने के बाद यह क्षमता अगले दो वर्षों में 16,000 मेगावाट से अधिक हो जाएगी.

Chief Minister ने इन परियोजनाओं की सतत निगरानी और समयबद्ध पूर्णता सुनिश्चित करने को कहा. बैठक में Chief Minister ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बिजली व्यवस्था केवल ट्रांसफॉर्मर और वायरिंग नहीं है, यह जन अपेक्षा और शासन की प्रतिबद्धता का दर्पण है. हमारा दायित्व है कि हर नागरिक को यह महसूस हो कि उसे बिना भेदभाव, पारदर्शी और समयबद्ध बिजली मिल रही है.

विकेटी/डीएससी