लखनऊ, 14 अगस्त . उत्तर प्रदेश के Chief Minister योगी आदित्यनाथ ने Thursday को विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन सदन में अपने साढ़े आठ साल के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते हुए विपक्ष को जमकर आड़े हाथों लिया. उन्होंने 1947 से 2017 तक विपक्षी दलों के शासनकाल की तुलना अपनी सरकार के 2017 से 2025 तक के कार्यकाल से की और विपक्ष पर परिवारवादी सोच को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. Chief Minister ने विपक्ष के ‘पीडीए’ नारे को ‘परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी’ करार देते हुए उनकी सीमित सोच पर तंज कसा.
सीएम योगी ने अपने संबोधन में समावेशी और समग्र विकास को उत्तर प्रदेश और भारत के विकास का आधार बताया. उन्होंने कहा, “हर विधानसभा क्षेत्र में विकास होना चाहिए और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव के सभी तक पहुंचना चाहिए. समावेशी विकास ही ‘विकसित यूपी’ और ‘विकसित भारत’ की संकल्पना को साकार कर सकता है.”
उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी चर्चा में विकास कम और सत्ता की चाहत ज्यादा दिखती है.
उन्होंने ने चार्वाक का उदाहरण देते हुए विपक्ष को उनकी परिवारवादी सोच के लिए आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि आप केवल अपने परिवार तक सीमित हैं. आपका ‘परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी’ का दृष्टिकोण स्वामी विवेकानंद के ‘कूप मंडूक’ दर्शन को चरितार्थ करता है. दुनिया प्रतिस्पर्धा के रास्ते पर आगे बढ़ रही है, लेकिन आप अभी भी परिवार तक सीमित हैं.
सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश के अतीत की कड़वी सच्चाई को सामने रखते हुए कहा कि 1960 के बाद से राज्य लगातार गिरावट की ओर बढ़ा. उन्होंने कहा कि विशाल सामर्थ्य, उपजाऊ भूमि, नदियां और श्रमशक्ति होने के बावजूद नीतिगत उदासीनता के कारण यूपी 1980 के दशक के बाद देश का सबसे बीमारू राज्य बन गया. योजनाएं बनती थीं, घोषणाएं होती थीं, लेकिन न इच्छाशक्ति थी और न ही क्रियान्वयन का संकल्प. उन्होंने उस दौर की समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि युवाओं को रोजगार नहीं मिलता था, किसानों को राहत नहीं थी और निवेशकों में भरोसे की कमी थी. अपराध और अराजकता का बोलबाला था. पलायन, गरीबी, इन्सेफलाइटिस और डेंगू जैसी बीमारियों से होने वाली मौतें, भ्रष्टाचार, भेदभाव और भाई-भतीजावाद ने यूपी को जकड़ रखा था.
Chief Minister ने 2017 के बाद डबल इंजन सरकार के तहत हुए बदलावों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि 2017 के बाद कानून का राज स्थापित हुआ. अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई. उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल बनाया गया और यूपी निवेशकों के लिए ड्रीम डेस्टिनेशन बन गया. योजनाओं का क्रियान्वयन बिना भेदभाव और तुष्टिकरण के हो रहा है. उन्होंने गर्व के साथ कहा कि आज यूपी की पहचान सुशासन से है. बेहतर कानून व्यवस्था, मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर और सरकार की सकारात्मक सोच ने यूपी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.
उन्होंने यूपी की आर्थिक प्रगति के प्रभावशाली आंकड़े पेश किए. उन्होंने बताया कि 2016-17 में यूपी की जीएसडीपी 13 लाख करोड़ रुपए थी, जो इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 35 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने की उम्मीद है. राष्ट्रीय जीडीपी में यूपी का योगदान 8 फीसदी से बढ़कर 9.5 फीसदी हो गया है. प्रति व्यक्ति आय 43 हजार रुपए से बढ़कर 1 लाख 20 हजार रुपए तक पहुंच चुकी है. निर्यात 84 हजार करोड़ रुपए से बढ़कर 1 लाख 86 हजार करोड़ रुपए हो गया है और राज्य का बजट 3 लाख करोड़ से बढ़कर 8 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है. नीति आयोग के फिसिकल हेल्थ इंडेक्स में 8.9 अंकों का सुधार दर्ज किया गया है. डिजिटल लेनदेन 122 करोड़ रुपए से बढ़कर 1400 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है. Chief Minister ने कहा कि यूपी बीमारू राज्य से रेवेन्यू सरप्लस स्टेट बनने की ओर अग्रसर है.
Chief Minister ने भारत की आर्थिक प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि 1947 में भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था, लेकिन 1980 तक यह 11वें स्थान पर खिसक गया. 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने प्रगति की और 2017 में सातवें, 2024 में पांचवें और 2025 में चौथे स्थान पर पहुंच गया है. उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि आपने छठी अर्थव्यवस्था को 11वें स्थान तक पहुंचा दिया था, लेकिन आज भारत अपनी सामर्थ्य और शक्ति का परिचय दुनिया को दे रहा है.
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विकेटी/केआर/ एसके