लखनऊ, 13 अप्रैल . उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को वक्फ संशोधन कानून का विरोध करने पर विपक्षी दलों पर जमकर हमला बोला. सीएम योगी ने वक्फ को लेकर विपक्ष पर गुमराह करने का आरोप लगाया और कहा कि वक्फ कानून के नाम पर हिंसा भड़काई जा रही है. उन्होंने पश्चिम बंगाल में मुर्शिदाबाद हिंसा पर भी चिंता जताई.
लखनऊ में डॉ. भीमराव अंबेडकर सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा, “आप देखते होंगे दलितों की झोपड़ी और जमीनों पर कब्जा करने वाले कुछ लोग इन्हीं दलों से जुड़े हुए होंगे. हमें आश्चर्य होता है कि यह (पश्चिम बंगाल) वही राज्य है, जहां वक्फ के नाम पर लाखों एकड़ जमीनों पर जबरन कब्जा किया गया था. उनके पास कोई कागज या राजस्व रिकॉर्ड नहीं है. अब जब वक्फ संशोधन विधेयक संसद में पारित हुआ है और इस पर कार्रवाई की जा रही है, तो इसके खिलाफ हिंसा भड़काई जा रही है.”
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में तीन हिंदुओं की निर्मम हत्या हुई है. उनके घरों से बाहर खींचकर, उनकी हत्या की गई है. ये सब कौन हैं? ये वहीं दलित, वंचित और गरीब हिंदू हैं, जिन्हें इस जमीन का सर्वाधिक लाभ मिलने वाला है. इन्हें भय है कि दलितों, वंचितों और गरीबों को अगर हाई राइज बिल्डिंग मिल जाएगी. तो वोट बैंक समाप्त हो जाएगा, गुमराह करने की राजनीति हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगी. इसलिए ये हिंसा भड़का रहे है.
सीएम योगी ने कहा, “तीन वर्ष पहले राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी बृजलाल ने एक पुस्तक लिखी थी. वह पुस्तक बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर और आजादी के समय दो महान दलित योद्धाओं के तुलनात्मक अध्ययन पर आधारित थी. एक तरफ बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर थे, जिन्होंने कहा था कि उनका आदि भी और अंत भी एक भारतीय के रूप में रहेगा और दूसरी तरफ योगेंद्र नाथ मंडल थे, जिन्होंने पाकिस्तान का समर्थन किया था, लेकिन वह एक वर्ष भी वहां नहीं रह पाए थे. योगेंद्र नाथ मंडल के कृत्यों की सजा आज भी बांग्लादेशी हिंदू भुगत रहे हैं. बांग्लादेश में रहने वाले सभी प्रताड़ित और पीड़ित हिंदू दलित हैं. कांग्रेस, सपा और ममता बनर्जी की पार्टी में से किसी राजनीतिक दल ने उनके (बांग्लादेशी हिंदू) पक्ष में आवाज नहीं उठाई थी. उनके हक में आवाज केवल भाजपा ने उठाई. हमें प्रत्येक हिंदू की रक्षा करनी है.”
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एसके/एएस