लखनऊ, 17 सितंबर . उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को ‘विश्वकर्मा जयंती’ के अवसर पर लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश की सुरक्षा में जो सेंध लगाने का काम करेगा, वह परिणाम भुगतेगा, उसे उल्टा लटकाने का कार्य हम करेंगे.
विश्वकर्मा श्रम सम्मान और ओडीओपी के अंतर्गत हस्तशिल्पियों एवं कारीगरों को टूलकिट प्रदान करने के साथ ही एमएसएमई इकाइयों को 50,000 करोड़ का ऋण वितरित किया गया.
इस दौरान ग्रेटर नोएडा में होने वाले यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2024 को यूपी के पोटेंशियल को वैश्विक मंच वाला माध्यम करार देते हुए सीएम योगी ने प्रदेश में एमएसएमई कल्चर को और बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार के सुझाव दिए. साथ ही, प्रदेश में स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के लिए अगले 10 वर्षों में 10 लाख युवाओं को ब्याज रहित ऋण उपलब्ध कराने की बात भी कही.
सीएम योगी ने कहा कि आज विश्वकर्मा दिवस और अनंत चतुर्दशी है. आज नए भारत के शिल्पी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन भी है. यह मेरे लिए महत्वपूर्ण है कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में शुरू की गई योजनाएं लाखों लोगों को लाभ पहुंचाने के साथ ही आय बढ़ाने का माध्यम बन रही हैं. पारंपरिक उत्पाद पहले प्रदेश में बंदी की कगार पर थे, लोग पलायन कर रहे थे. जब स्वयं हस्तशिल्पी ही संकट में हो तो रोजगार उत्पन्न कहां से होगा. दंगों, सरकारी लेटलतीफी के कारण पलायन के अलावा उनके पास चारा नहीं था. जब हमारी सरकार बनी तो हमने कमेटी गठित कराई कि पारंपरिक उत्पाद और उद्योग क्या हैं और उनको प्रश्रय देने का कार्य किया गया.
सीएम योगी ने कहा कि आज ना दंगाइयों का पता है और ना दंगों का पता है. आज आम नागरिक सुरक्षित हैं. हमें मानना होगा सुरक्षा भविष्य की पहली आवश्यकता है. पर्व त्योहार व सभी कार्यक्रम सुरक्षित तरीके से मनाए जाएं ये हमारी प्राथमिकता है. पहले की सरकारें लूटो और अपना पेट भरो तक ही सीमित थी. इसी से उत्तर प्रदेश के सामने पहचान का संकट उत्पन्न हुआ. किसान आत्महत्या करते थे, युवा पलायन करते थे, गरीब भूखे मरते थे, उद्यमी और बेटी सुरक्षा की गुहार लगाते थे, ऐसा दृश्य दिखता था. मगर, आज उत्तर प्रदेश और प्रदेशवासियों का सम्मान बढ़ा है.
उन्होंने आगे कहा कि यूपी का जो युवा पहले रोजगार के लिए भागता था, आज उसे अपने जनपद में ही अवसर उपलब्ध हो रहे हैं. इसमें बैंकर्स की भी बड़ी भूमिका है. यूपी का पैसा यूपी के विकास व युवाओं के रोजगार के लिए खर्च हो रहा है. ओडीओपी के अंतर्गत कोई भी उद्यम लगाएगा तो 1,000 दिन तक एनओसी की आवश्यकता नहीं है. हमने व्यवस्था की कि जो भी इस प्रकार के उद्योग लगेंगे, वह एमएसएमई में रजिस्ट्रेशन कराएं और उसे पांच लाख रुपए की सुरक्षा बीमा का कवर देंगे. युवा उद्यमी के रूप में एक नई स्कीम आने जा रही है. पहले चरण में 5 लाख और दूसरे चरण में 10 लाख का लोन उपलब्ध कराया जाएगा. इस योजना के अंतर्गत कुल 10 लाख युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने का मार्ग प्रशस्त होगा.
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एससीएच/एबीएम