ज्ञान किताबों से नहीं, फील्ड में ड्यूटी के दौरान अनुभव से मिलता है : सीएम योगी

लखनऊ, 16 फरवरी . यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को 67वीं ऑल इंडिया पुलिस ड्यूटी मीट के समापन समारोह को संबोधित किया. इससे पहले मुख्यमंत्री ने मीट की स्मारिका का विमोचन किया. उन्होंने विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं के विजेताओं को ट्रॉफी भी प्रदान की.

उन्होंने कहा कि प्रदेश की मजबूत कानून व्यवस्था का ही परिणाम है कि जीआईएस-23 में 40 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जबकि 2017 से पहले प्रदेश में निवेश के लिए कोई आना नहीं चाहता था. 19 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में 10 लाख से अधिक निवेश के प्रस्तावों को ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के माध्यम से धरातल पर उतारा जाएगा. इससे 35 लाख नौजवानों को सीधे-सीधे नौकरी मिलेगी, जो यह दर्शाता है कि संकल्प के साथ कानून व्यवस्था को लागू किया जाए तो उसके परिणाम भी सामने आते हैं.

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा, कानून व्यवस्था और सुरक्षा का बेहतर माहौल बनाने में पुलिस के विभिन्न बलों की अति महत्वपूर्ण भूमिका है. इतना ही नहीं पब्लिक परसेप्शन तय करने में भी पुलिस बल का अहम रोल है. उन्हें दोहरी मानसिकता के साथ काम करना पड़ता है. वह असामाजिक और अराष्ट्रीय तत्वाें के साथ जीरो टाॅलरेंस नीति के तहत अपने काम को अंजाम तक पहुंचाते हैं, जबकि कॉमन मैन के गुहार लगाने पर संवाद स्थापित कर न्याय दिलाते हैं. इससे कॉमन मैन के मन में एक नया विश्वास पैदा होता है. यह पुलिस बल की संवेदनशीलता को भी दर्शाता है.

उन्होंने कहा कि समारोह में देश भर के विभिन्न बलों के अधिकारियों और कर्मचारियों ने हिस्सा लिया है. उनके अपने-अपने अनुभव हैं. उन अनुभवों का लाभ किस रूप में हम ले सकते हैं, यह काफी महत्वपूर्ण है. हमारे देश में ज्ञान के आदान-प्रदान की परंपरा वर्षों पुरानी है. राजधानी लखनऊ से 70 किलोमीटर दूर नौमिषारण्य है, जो हजारों वर्ष पहले ऋषियों के ज्ञान के आदान-प्रदान के मंथन का केंद्र था. यहां पर भारत के वैदिक ज्ञान की परंपरा को लिपिबद्ध करने का काम किया गया था. इसमें पूरे देश भर के 88,000 ऋषि-मुनि शामिल थे. ऑल इंडिया पुलिस ड्यूटी मीट इसी धरोहर को आगे बढ़ाता है.

सीएम योगी ने कहा कि ज्ञान वह नहीं होता है जो पुस्तकों में लिखा होता है, ज्ञान वह है जो फील्ड की ड्यूटी के दौरान आप अनुभव करते हैं. अपराध की बदलती प्रकृति के अनुसार हम सभी को अपने आप को तैयार करना होगा. हम जब अपनी बेस्ट प्रैक्टिसेज को जनता के सामने शेयर करते हैं तो बहुत कुछ जानने और सीखने को मिलता है.

विकेटी/एबीएम