दुनिया के ध्रुवीकरण की दिशा नया भारत तय करता है : सीएम योगी

गोरखपुर, 4 दिसंबर . उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नए भारत के प्रति पूरी दुनिया का विश्वास तेजी से बढ़ा है. एक समय था, जब भारत दुनिया के किसी भी गुट में नहीं था. देश के सामने असमंजस की स्थिति थी कि उसकी दिशा क्या होगी, उसे क्या करना है, आज का नया भारत दुनिया के ध्रुवीकरण की दिशा तय करता है. दुनिया का ध्रुवीकरण उधर होता है, जिधर भारत होता है.

सीएम योगी बुधवार को महाराणा प्रताप (एमपी) शिक्षा परिषद के 92वें संस्थापक सप्ताह समारोह के शुभारंभ कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे. महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज परिसर में समारोह के मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और विशिष्ट अतिथि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के सदस्य सचिव प्रो. राजीव कुमार का स्वागत करते हुए सीएम योगी ने कहा कि दुनिया उसी का अनुसरण करती है जो खुद को उसके अनुरूप तैयार करने का माद्दा रखता है. जो स्वयं खड़ा नहीं हो सकता, वह दूसरों को खड़ा होने की प्रेरणा कैसे दे सकता है.

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में नए भारत ने खुद को उसी अनुरूप तैयार किया और परिणाम है कि आज भारत की दिशा के बिना दुनिया की दिशा की कल्पना नहीं की जा सकती है. दुनिया में मानवता के सामने जो चुनौती है, भारत उससे निपटने के विश्वास का प्रतीक बना है. जी-20 का समिट उसका प्रमाण है. आज दुनिया का कोई भी बड़ा आयोजन भारत के बिना नहीं होता है. आज देश विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है.

सीएम योगी ने कहा कि देश को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की ही नहीं होती है. संस्थाओं और व्यक्तियों को भी इसकी जिम्मेदारी उठानी होती है. अब जिम्मेदारी से बचने का नहीं बल्कि जिम्मेदारी समझने और खुद को उसके अनुरूप तैयार करने का समय है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लिए अगले 25 वर्ष का रोडमैप तय किया है, देश जब आजादी का शताब्दी महोत्सव मना रहा होगा तब तक देश को विकसित भारत बनाना है. इसमें हर नागरिक, हर संस्था की भूमिका होनी चाहिए कि हमारा देश आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बने और स्वाभिमान के साथ इस विकास यात्रा में हमारा भी योगदान हो. महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के दोनों प्रणेताओं ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी का भी पूरे जीवन यही भाव रहा.

उन्होंने विद्यार्थियों को वर्तमान दौर में तकनीकी के प्रयोग की अपरिहार्यता से भी अवगत कराया. साथ ही नसीहत दी कि तकनीक का इस्तेमाल जीवन को सरल और सहज बनाने के लिए जरूरी है, लेकिन यह ध्यान भी रखना होगा कि तकनीक हमसे संचालित हो, हम तकनीक से नहीं. हम खुद को तकनीक के अनुरूप और तकनीक को अपने अनुरूप तैयार करें. हर कालखंड में भारत ने पूरी दुनिया में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. विश्व के सौ प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रमुख एक्जीक्यूटिव की बात करें तो इसमें सबसे बड़ी संख्या भारतीय नौजवानों की है. ये नौजवान पूरी दुनिया में अपनी तकनीकी ज्ञान का लोहा मनवा रहे हैं.

सीएम योगी ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की परिस्थितियों और अब तक की यात्रा को याद करते हुए कहा कि परिषद की 92 वर्ष की यात्रा इस बात के समग्र मूल्यांकन का अवसर है कि नए भारत के लिए संस्था किस दृष्टि से तैयार हो. 1932 में जब ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज ने जब इस परिषद रूपी छोटे बीज को रोपित किया था तब साधन और संसाधन नहीं थे. देश तब गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था. एक ओर आजादी की लड़ाई हिलोरें ले रही थी तो दूसरी ओर आजादी हासिल करने के विश्वास भाव के साथ आजाद भारत के नेतृत्व के लिए योग्य नागरिक तैयार करने की चुनौती थी. इसी को ध्यान में रखकर ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की और उसी के अनुरूप उनके बाद ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी ने आगे बढ़ाया.

महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह के उद्घाटन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज का दिन अनुशासन पर्व है. जीवन में सर्वांगीण विकास के लिए अनुशासन अपरिहार्य है. उन्होंने विद्यार्थियों को सफलता हासिल करने का मंत्र देते हुए कहा कि प्रतिस्पर्धा के एकल क्षेत्र में एकाग्रता और कठिन परिश्रम जरूरी है तो समूह में व्यक्तिगत एकाग्रता व कठिन परिश्रम के साथ टीम भावना का होना अहम है. एकाग्र भाव, कठिन परिश्रम और टीम भावना ही सफलता का मूलमंत्र है. यदि यह तीनों एक साथ हों तो कुछ भी असंभव नहीं रह जाता.

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