अलर्ट को लेकर अमित शाह के दावे को सीएम विजयन ने किया खारिज

तिरुवनंतपुरम, 31 जुलाई . केरल सरकार को वायनाड और उसके आसपास संभावित खतरे के बारे में आगाह करने के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर अब मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का जवाब आया है. उन्होंने गृह मंत्री के बयान का खंडन किया है.

मीडिया से बात करते हुए विजयन ने कहा कि यह समय आरोप-प्रत्यारोप का नहीं है. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा कही गई बातों के कुछ हिस्से को सच और कुछ को झूठ करार दिया.

उन्होंने कहा, मैं अब आरोप-प्रत्यारोप का खेल नहीं खेलना चाहता. वायनाड में लोग भारी भूस्खलन के कारण अकल्पनीय दुख से गुजर रहे हैं, लेकिन मामले की सच्चाई यह है कि पहले भी पूर्वानुमान लगाए गए थे और प्रभावित क्षेत्र में अलर्ट का कभी उल्लेख नहीं किया गया था. वास्तव में अलर्ट मंगलवार को सुबह 6 बजे आया था जबकि त्रासदी कई घंटे पहले हो गई थी.”

विजयन ने कहा, ”आईएमडी ने प्रभावित इलाकों में 115 मिमी से 204 मिमी बारिश की भविष्यवाणी की थी, लेकिन वास्तव में पहले 24 घंटों में 200 मिमी और अगले 24 घंटों में 372 मिमी बारिश हुई, जिससे 48 घंटों में 572 मिमी बारिश हुई, जो पूर्वानुमान से कहीं ज्यादा है. इसलिए इन तथ्यों के साथ मैं यह कहना चाहता हूंं कि यह बहस करने का समय नहीं है.”

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण से भूस्खलन की कोई भविष्यवाणी नहीं की गई थी और जब ये आई तब तक त्रासदी हो चुकी थी.

उन्होंने कहा कि संसद में जो कहा गया वह सच नहीं है. इस बात का उल्लेख था कि एनडीआरएफ को समय से पहले भेजा गया था, लेकिन सच्चाई यह है कि हमने इसके लिए कहा था.

उन्होंने कहा, ”समय की मांग है कि जलवायु परिवर्तन आपदाओं से गंभीरता से निपटा जाए और हमें दोषारोपण के खेल में शामिल नहीं होना चाहिए, लोग त्रासदी में हैं, हमें उन्हें सांत्वना देनी चाहिए.”

विजयन ने कहा कि विभिन्न एजेंसियों के लगभग 1,200 बचाव अधिकारी वर्तमान में वायनाड जिले के चार सबसे अधिक प्रभावित भूस्खलन क्षेत्रों चूरलपारा, वेलारिमाल, मुंडकायिल और पोथुकालु में काम कर रहे हैं.

सीएम ने कहा, ”ये इलाके पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं. बचाव दलों ने अब तक 1,592 लोगों को बचाया है और अब 82 राहत शिविरों में 8,017 लोग हैं. 201 लोगों का अस्पतालों में इलाज किया गया और अब 90 लोग उपचाराधीन हैं. बचाव कार्य जारी है और आदिवासी परिवारों को स्थानांतरित किया जा रहा है, जो लोग स्थानांतरित होने के लिए तैयार नहीं हैं, उन्हें भोजन दिया जाएगा.”

”राज्य सरकार के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ निजी और सहकारी क्षेत्रों के चिकित्सा पेशेवरों की मदद से चिकित्सा सुविधाओं का बड़े पैमाने पर विस्तार किया जा रहा है.”

विजयन ने कहा कि अधिकांश प्रभावित क्षेत्रों में बिजली की लाइनें बहाल कर दी गई हैं. वहीं राज्य बिजली बोर्ड को 3 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में कहा था कि हमें भूस्खलन के बारे में पता चल गया था और केरल सरकार को भारत सरकार की ओर से अर्ली वार्निंग दे दी गई थी.

इस बीच आपदा में मरने वालों की संख्या 205 तक पहुंच गई है और लगभग 200 लोग लापता हैं, हालांकि बुधवार शाम को प्रभावित क्षेत्रों में भारी बारिश के बीच खोज प्रयास जारी हैं.

एमकेएस/