नई दिल्ली, 24 मई . हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को नई दिल्ली में वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया से भेंट की. इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ मौजूद राज्य सरकार के अधिकारियों ने आयोग के समक्ष प्रस्तुति दी और राज्य की ओर से एक ज्ञापन भी सौंपा.
मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य के लिए निधि आवंटन बढ़ाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि देश के पहाड़ी राज्य भौगोलिक दृष्टि से विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हैं. इसी कारण उन्हें उनका उचित हक मिलना चाहिए.
प्रदेश ने पर्यावरण संरक्षण और पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने के लिए राज्य की सेवाओं के लिए ग्रीन बोनस की मांग भी की.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कमी के कारण राज्य को नुकसान हुआ है और इसके लिए राज्य को उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि हिमाचल प्रदेश के लिए राजस्व घाटा अनुदान को बढ़ाया जाना चाहिए, न कि धीरे-धीरे समाप्त किया जाए.
मुलाकात के दौरान डॉ. पनगढ़िया ने आश्वासन दिया कि आयोग राज्य के आग्रह पर विचार करेगा.
इस मुलाकात को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट भी किया. उन्होंने लिखा, “नई दिल्ली में आज वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया से मुलाकात की. इस दौरान राज्य सरकार के अधिकारियों ने आयोग के समक्ष प्रस्तुति दी और एक अतिरिक्त ज्ञापन सौंपा. पर्वतीय राज्य होने के नाते हमें विशेष चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. मैंने राज्य के लिए निधि आवंटन बढ़ाने और ग्रीन बोनस देने का आग्रह किया, ताकि पर्यावरण संरक्षण में हमारी भूमिका को सम्मान मिल सके.”
उन्होंने पोस्ट में लिखा, “साथ ही, जीएसटी में कमी के कारण हिमाचल प्रदेश को जो नुकसान हुआ है, उसके लिए राज्य को उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए. हिमाचल प्रदेश के लिए राजस्व घाटा अनुदान को बढ़ाया जाए.”
मुलाकात के दौरान, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव (वित्त) देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे.
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एबीएम/एकेजे