तमिलनाडु के कटपडी में बना पहला सरकारी अस्पताल, सीएम स्टालिन करेंगे 25 जून को उद्घाटन

चेन्नई, 15 जून . तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन 25 जून को वेल्लोर जिले के सेरकाडु गांव में कटपडी के पहले सरकारी अस्पताल का उद्घाटन करेंगे.

लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने 14.30 करोड़ रुपए की लागत से इस अस्पताल का निर्माण किया है और अंतिम चरण का कार्य चल रहा है.

पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता के. सुंदर (कटपडी डिवीजन) ने बताया कि इस 60 बिस्तरों वाले अस्पताल में ईसीजी, सीटी स्कैन, और पूरी तरह सुसज्जित ऑपरेशन थिएटर जैसी आधुनिक सुविधाएं हैं.

अस्पताल में डीजल जनरेटर के साथ निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की गई है. वर्तमान में कटपडी में केवल एक पुराना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) है, जो रविवार को छोड़कर रोजाना सुबह 8 बजे से दोपहर 3 बजे तक चलता है. यहां रोजाना 500-700 मरीजों का उपचार किया जाता है. लेकिन इनमें से ज्यादातर को विशेष उपचार के लिए अदुक्कमपराई रेफर किया जाता है.

15 एकड़ में फैले इस नए अस्पताल में कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, पीडियाट्रिक्स, नेफ्रोलॉजी, प्रसूति और स्त्री रोग के लिए अलग-अलग विभाग हैं. आपातकाल, दुर्घटना, कैंसर उपचार, बेहोशी और रेडियोलॉजी के लिए विशेष वार्ड बनाए गए हैं. साथ ही, बाह्य रोगियों के लिए पांच परामर्श कक्ष भी हैं.

अस्पताल में आधुनिक नागरिक सुविधाएं भी शामिल की गई हैं. मरीजों और कर्मचारियों के लिए दो लिफ्ट, प्रत्येक मंजिल पर पीने का पानी और शौचालय, वर्षा जल संचयन प्रणाली और परिसर को रोशन करने के लिए सौर पैनल हैं.

इसके अलावा, दोपहिया और कारों दोनों के लिए पार्किंग की भी व्यवस्था की गई है और सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से 24×7 निगरानी भी की जाएगी.

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि मरीजों और विजिटर्स के लिए बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने को लेकर अस्पताल तक सार्वजनिक बस सेवाओं को बढ़ाया जाएगा.

यह उद्घाटन कार्यक्रम सीएम स्टालिन की 25 और 26 जून को रानीपेट, वेल्लोर और तिरुपत्तूर जिलों की दो दिवसीय यात्रा के हिस्से में शामिल है. इस दौरान वह सरकारी योजना के लाभार्थियों को कल्याण सहायता भी वितरित करेंगे और विकास परियोजनाओं की समीक्षा भी करेंगे.

वहीं, स्थानीय लोगों ने अस्पताल के उद्घाटन के फैसले का स्वागत किया है और इसे क्षेत्र के लिए बहुत जरूरी स्वास्थ्य सेवा की जीवनरेखा बताया है.

बता दें कि इस क्षेत्र में 40 से अधिक गांव शामिल हैं और अब तक निवासियों को वेल्लोर के बाहरी इलाके अदुक्कमपराई में स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के लिए जाना पड़ता था.

एफएम/एएस