कमल हासन डीएमके के समर्थन से राज्यसभा में एंट्री को तैयार, सीएम स्टालिन ने किया उम्मीदवारों का ऐलान

नई दिल्ली, 28 मई . तमिलनाडु की सत्तारूढ़ डीएमके ने मंगलवार को 19 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. चार में से तीन उनकी पार्टी के खाते में और एक (अपने कोटे से) एमएनएम को देने का फैसला किया है. एमएनएम अभिनेता से नेता बने कमल हासन की पार्टी का नाम है. मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने इसकी घोषणा की है.

घोषणा के अनुसार, तमिलनाडु से चुनाव के लिए चार राज्यसभा सीटों में से डीएमके तीन पर चुनाव लड़ेगी, जबकि चौथी सीट मक्कल निधि मैयम (एमएनएम) को आवंटित की गई है, जो दोनों दलों के बीच मौजूदा चुनावी समझौते का हिस्सा है.

एमएनएम के संस्थापक अध्यक्ष और अभिनेता से नेता बने कमल हासन को पार्टी ने राज्यसभा के लिए उम्मीदवार बनाया है.

डीएमके ने जिन उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है. उनके नाम इस प्रकार हैं- पी विल्सन, पूर्व केंद्रीय मंत्री एसआर शिवलिंगम और रुकैया मलिक. रुकैया कवयित्री हैं और इनका तखल्लुस (उप नाम) कविग्नर सलमा है.

बीएससी और लॉ की डिग्री के साथ पी. विल्सन वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं और भारत के सर्वोच्च न्यायालय में एक प्रमुख वकील हैं. उन्होंने कई हाई-प्रोफाइल कानूनी मामलों में राज्य का प्रतिनिधित्व किया है और वे डीएमके की एक विश्वसनीय कानूनी आवाज माने जाते हैं.

एसआर शिवलिंगम डीएमके के एक वरिष्ठ नेता हैं और पहले स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं. उनका नामांकन उच्च सदन में प्रशासनिक अनुभव के साथ कानूनी विशेषज्ञता को संतुलित करने के पार्टी के प्रयास को दर्शाता है.

रुकैया मलिक उर्फ कविग्नर सलमा समकालीन तमिल साहित्य का एक बड़ा नाम है. मलिक को उनकी कविताओं और उपन्यासों के लिए जाना जाता है, जो लिंग, पहचान और सामाजिक न्याय के विषयों पर आधारित होती हैं. कई साहित्यिक पुरस्कारों की प्राप्तकर्ता, सूची में उनका समावेश सांस्कृतिक प्रतिनिधित्व और महिला सशक्तिकरण के लिए डीएमके की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

एमएनएम को एक सीट आवंटित करने के डीएमके के फैसले को गठबंधन को मजबूत करने और राष्ट्रीय स्तर पर इसके प्रभाव को व्यापक बनाने के लिए एक रणनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है.

इस घटनाक्रम के साथ, कमल हासन संसदीय क्षेत्र में पदार्पण करने को तैयार हैं और ये उनके राजनीतिक सफर का एक अहम पड़ाव होगा.

राज्यसभा चुनाव एक औपचारिकता भर हैं, क्योंकि सत्तारूढ़ गठबंधन के पास तमिलनाडु विधानसभा में सभी चार उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक संख्या है.

डीकेएम/केआर