बेंगलुरु, 26 अगस्त . कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को मुडा (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) मामले में दस्तावेजों से छेड़छाड़ की बात को नकारते हुए भाजपा से कहा कि वह नफरत का चश्मा उतारकर दस्तावेजों को साफ नजर से देखें.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट पोस्ट किए गए एक वीडियो के माध्यम से मुख्यमंत्री ने कहा, “इस वीडियो में साफ तौर पर दिखाया गया है कि सफेद स्याही के नीचे क्या लिखा है. नफरत के चश्मे को हटाकर साफ आंखों से देखें. मेरी पत्नी ने देवनूर तीसरे चरण में मुडा द्वारा विकसित लेआउट में वैकल्पिक भूमि का अनुरोध किया था या मुडा द्वारा भूमि अधिग्रहण के बाद प्राधिकरण द्वारा विकसित कोई अन्य समानांतर लेआउट है. “
भाजपा ने आरोप लगाया है कि मुडा मामले में सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती द्वारा प्रस्तुत आवेदन से अक्षर मिटाने के लिए स्याही हटाने वाले इरेजर का प्रयोग किया गया है.
मुख्यमंत्री ने वीडियो मैसेज में कहा, “मुडा द्वारा हमारे परिवार से अवैध रूप से अधिग्रहित संपत्ति के लिए वैकल्पिक भूमि की मांग करते हुए मेरी पत्नी द्वारा प्रस्तुत आवेदन में केवल चार या पांच शब्दों को सफेद स्याही से रंगा गया था और फिर भी भाजपा और जेडी-एस नेता ऐसा व्यवहार कर रहे हैं जैसे कि यह एक गंभीर अपराध है.”
उन्होंने कहा कि चूंकि उस क्षेत्र में कोई भूखंड उपलब्ध नहीं था, इसलिए ‘देवनूर तीसरे चरण के लेआउट में या अन्य’ शब्दों को सफेद स्याही से रंगा गया था, और उन्होंने प्राधिकरण द्वारा विकसित समानांतर लेआउट में एक भूखंड का अनुरोध किया. इस मामले में कोई नोट, आदेश या निर्देश नहीं था. उसने बस अपनी जमीन के बदले एक प्लॉट मांगा था.
उन्होंने बताया, अब, वे स्वयंभू कानूनी विशेषज्ञ जो चिल्ला रहे थे कि इस मुद्दे को छिपाने के लिए सफेद स्याही का इस्तेमाल किया गया था. उन्होंने दावा किया कि सिद्धारमैया की पत्नी ने विजयनगर में एक प्लॉट मांगा था और मुडा मामला सामने आने के बाद उनके समर्थक किसी व्यक्ति ने सफेद स्याही लगाई. ऐसा लगता है कि इनमें से कुछ तथाकथित बुद्धिजीवियों ने जल्दबाजी में खुद को शर्मिंदा कर लिया है.
मनगढ़ंत कहानियों के माध्यम से, भाजपा और जेडी-एस नेताओं ने बिना किसी जिम्मेदारी के मुझे और मेरे परिवार को गलत तरीके से अपराधी के रूप में चित्रित किया है.
मुख्यमंत्री ने कहा, “आज, वे जनता के सामने बेनकाब हो गए हैं. सच्चाई ऐसी ही है. इसे सामने आने में कुछ समय लग सकता है, लेकिन अंत में, सच्चाई की हमेशा जीत होती है.”
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए, याचिकाकर्ताओं में से एक स्नेहमयी कृष्णा ने कहा कि आरोपी ने उनके खिलाफ सबूत दिए हैं.
उन्होंने कहा, “स्याही हटाने वाले का इस्तेमाल ‘देवनुरु तीसरे चरण के इलाके में वैकल्पिक साइट की तलाश’ वाली लाइनों को छिपाने के लिए किया गया है. ऐसा मुडा द्वारा देवनुरु तीसरे चरण में भूमि आवंटित किए जाने के डर से किया जा रहा है.”
देवनुरु तीसरे चरण के विकास के लिए साइट प्राप्त करने के बजाय सिद्धारमैया ने मैसूर के अपस्केल विजयनगर इलाके में अवैध रूप से साइट आवंटित करवा ली.
आगे बताया कि “सिद्धारमैया ने सच्चाई छिपाने पर सहमति जताई है. मैं कर्नाटक के लोगों को सच्चाई बताने के लिए सीएम सिद्धारमैया को धन्यवाद देता हूं.”
राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा मामले में उनके खिलाफ जांच के लिए सहमति दिए जाने के बाद मुडा भूमि विवाद के मद्देनजर भाजपा ने मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की है. मुख्यमंत्री को 29 अगस्त तक कर्नाटक हाईकोर्ट से अस्थायी राहत मिली है.
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एससीएच/जीकेटी