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बेंगलूरु, 17 नवंबर . कर्नाटक के Chief Minister सिद्धारमैया ने Monday को Prime Minister Narendra Modi को एक पत्र लिखकर राज्य के जल संसाधन क्षेत्र से संबंधित लंबित मुद्दों पर केंद्र Government से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की.
पत्र में Chief Minister ने कर्नाटक की जल आपूर्ति और सिंचाई परियोजनाओं की त्वरित मंजूरी का आग्रह किया, जो राज्य की कृषि व्यवस्था और किसानों की आय में सुधार के लिए महत्वपूर्ण हैं.
Chief Minister ने सबसे पहले कावेरी नदी पर मेकेदातु परियोजना के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय ने 13 नवम्बर 2025 को तमिलनाडु राज्य के विभिन्न आवेदनों को खारिज करते हुए कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) और केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) से परियोजना की अनुमति पर निर्णय लेने को कहा था.
सुक्खू ने केंद्र से अनुरोध किया कि सीडब्ल्यूसी को शीघ्र परियोजना का मूल्यांकन करने का निर्देश दिया जाए ताकि इसे मंजूरी मिल सके.
इसके बाद, Chief Minister ने कृष्णा जल आवंटन से संबंधित लंबित मामले को उठाया. उन्होंने कहा कि कृष्णा जल विवाद न्यायाधिकरण का निर्णय एक दशक पहले आ चुका है, लेकिन केंद्र Government ने इसे अभी तक राजपत्र में अधिसूचित नहीं किया है. इस देरी के कारण कर्नाटक राज्य ने जो भारी निवेश किया है, उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. Chief Minister ने इस मामले में शीघ्रता बरतने का अनुरोध किया.
इसके अतिरिक्त, अपर भद्रा परियोजना के लिए केंद्रीय सहायता की मांग की गई, जिसके लिए केंद्रीय बजट 2023-24 में 5300 करोड़ रुपए की घोषणा की गई थी, लेकिन तीन साल बाद भी यह सहायता जारी नहीं की गई है. Chief Minister ने केंद्रीय हस्तक्षेप की उम्मीद जताई, जिससे कर्नाटक के सूखाग्रस्त मध्य भाग को इसका लाभ मिल सके.
महादयी बेसिन की परियोजनाओं को लेकर भी Chief Minister ने चिंता जताई. उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं को केंद्रीय जल आयोग से मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन पर्यावरण मंत्रालय से वन और वन्यजीव मंजूरी अब तक नहीं मिली है, जिससे परियोजनाओं का कार्यान्वयन अटक गया है.
Chief Minister ने अंत में नदियों को आपस में जोड़ने के राष्ट्रीय जल विकास प्राधिकरण के प्रस्तावों में कर्नाटक को न्यायसंगत हिस्सा दिए जाने की अपील की, ताकि राज्य के जल संसाधनों का सही उपयोग हो सके.
Chief Minister ने Prime Minister से आग्रह किया कि वे जल शक्ति मंत्रालय और पर्यावरण मंत्रालय को कर्नाटक की लंबित परियोजनाओं को आवश्यक मंजूरी देने के निर्देश दें, जिससे राज्य में सिंचाई क्षेत्र का समग्र विकास और किसानों की भलाई सुनिश्चित हो सके.
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एसएके/डीकेपी