बेंगलुरु, 6 जनवरी . चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) वायरस बहुत तेजी से फैल रहा है. यह वायरस अब धीरे-धीरे भारत में भी पैर पसारने लगा है. भारत में अब तक इस वायरस के तीन केस सामने आ चुके हैं. कर्नाटक के बेंगलुरु में दो बच्चों में इस वायरस की पुष्टि हुई है. राज्य स्वास्थ्य विभाग से लेकर प्रशासन अलर्ट मोड में हैं. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया भी एक्शन में आ गए हैं.
कर्नाटक के सीएम ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि चीन में फैल रहे एचएमपीवी वायरस से संक्रमित दो बच्चे बेंगलुरु में मिले हैं. इसे देखते हुए मैंने तत्काल कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव से बात की. बताया जा रहा है कि ये वायरस खतरनाक नहीं है. इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सभी जरूर कदम उठाएंगे. लोगों को भी सतर्क रहने की जरूरत है. वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट है.
वहीं, कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने बताया कि ये यह कोई नया वायरस नहीं है. यह कई सालों से है. कम प्रतिरक्षा वाले लोग, जैसे बच्चे और कुछ लोग इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं. इससे मौतें नहीं होती हैं. घबराने की जरूरत नहीं है.
बता दें कि भारत में कर्नाटक राज्य से दो और एक गुजरात से एक केस सामने आया है. गुजरात के अहमदाबाद में 2 महीने के बच्चे की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. बच्चे का एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है. बच्चे में सर्दी और बुखार के लक्षण हैं. बच्चा मोडासा के नजदीक एक गांव का रहने वाला है. बच्चे की तबीयत सामान्य बताई जा रही है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को हेल्थ एडवाइजरी जारी की है. विभाग ने वायरस की गंभीरता को देखते हुए लोगों को सलाह दी है कि यदि आप खांसते या छींकते हैं तो अपने मुंह और नाक को रुमाल से ढके रहें. बीमार हैं तो सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें. यदि सांस संबंधी समस्या होने पर तुरंत डॉक्टरों को दिखाएं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एचएमपीवी वायरस वायरस मुख्य रूप से पीड़ित व्यक्ति के श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है. इसके लक्षण कई मामलों में कोविड-19 के समान ही होते हैं. हालांकि, ये वायरस मुख्य रूप से शिशुओं और छोटे बच्चों को संक्रमित करता है. इस वायरस से संक्रमित मरीज में सबसे आम लक्षण खांसी है. इसके साथ हल्का बुखार, घरघराहट, नाक बहना या गले में खराश जैसे परेशानी भी हो सकती है. वायरस से संक्रमित होने के बाद कुछ मामलों में गंभीर लक्षण आ सकते हैं. सांस लेने में तकलीफ भी हो सकती है.
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एफजेड/