बेंगलुरु, 27 अप्रैल . कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने रविवार को कहा है कि जो शरारती तत्व देश में फूट डालने और शांति तथा एकता को भंग करने का प्रयास कर रहे हैं, सरकार को उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. अगर हमें बाहरी दुश्मनों का सामना करना है, तो हमें पहले आंतरिक एकता को मजबूत करना होगा.
कर्नाटक सीएम ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक लंबा पोस्ट किया. उन्होंने लिखा, “मैंने युद्ध के बारे में अपने बयान के पक्ष और विपक्ष में बहस और चर्चाएं देखी हैं. युद्ध हमेशा किसी देश का अंतिम विकल्प होना चाहिए, कभी भी पहला या एकमात्र विकल्प नहीं. किसी देश को युद्ध के लिए तभी बाध्य होना चाहिए जब दुश्मन को हराने के सभी अन्य उपाय विफल हो जाएं.”
उन्होंने कहा कि पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा आतंकवादी हमले ने हमारे देश के लोगों और केंद्र सरकार दोनों के लिए यह दर्दनाक रूप से स्पष्ट कर दिया है कि हमारे खुफिया और सुरक्षा तंत्र में गंभीर खामियां थीं. अब सरकार की यह गंभीर जिम्मेदारी है कि वह सबसे पहले इन कमियों को दूर करे और यह सुनिश्चित करे कि भविष्य में ऐसी त्रासदियां दोबारा न हों.
सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले ही कुछ कूटनीतिक कदम उठाए हैं, जिसमें सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार भी शामिल है. इस कदम का हम तहे दिल से स्वागत करते हैं. हमें भरोसा है कि जल्द और भी कठोर कदम उठाए जाने वाले हैं. हर कदम को दुनिया को बताने की जरूरत नहीं है. निश्चिंत रहें, देश उठाए गए हर मजबूत और निर्णायक कदम के पीछे पूरी तरह से एकजुट है.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि कुछ शरारती तत्व देश में फूट डालने और शांति व एकता को भंग करने का प्रयास कर रहे हैं. सरकार को ऐसी ताकतों के खिलाफ भी सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए. आज भारत एक अत्यंत संवेदनशील चौराहे पर खड़ा है. अगर हमें बाहरी दुश्मनों का सामना करना है, तो हमें पहले आंतरिक एकता को मजबूत करना होगा.
पाकिस्तान आज एक टूटता हुआ, दिवालिया, बीमार और कमजोर देश है. उनके पास खोने के लिए बहुत कम बचा है. इसके विपरीत, भारत विश्व व्यवस्था में एक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है और इसलिए, हमें समझदारी और सावधानी से आगे बढ़ना होगा.
इस महत्वपूर्ण क्षण में, दुनिया भर के देश पाकिस्तान से प्रायोजित आतंकवाद की कड़ी निंदा करते हुए भारत के साथ मजबूती से खड़े हैं. हमें इस अभूतपूर्व वैश्विक समर्थन का लाभ उठाना चाहिए और पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाना चाहिए कि वह फिर कभी ऐसी नासमझी भरी हरकतें करने की हिम्मत न करे.
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एफजेड/एकेजे