गोवा में धार्मिक यात्रा के दौरान भगदड़, 5 से ज्यादा की मौत, सीएम सावंत पहुंचे अस्पताल

पणजी, 3 मई . गोवा के शिरगाओ में लैराई देवी मंदिर में भगदड़ मचने से 5 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और 30 से अधिक लोग घायल हो गए. सीएम प्रमोद सावंत अस्पताल पहुंचे और घायलों का हाल-चाल लिया. सीएम ने अफसोस जाहिर करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे इस दर्दनाक हादसे को लेकर जानकारी ली.

सीएम ने एक्स पोस्ट पर लिखा- आज सुबह शिरगांव के लैराई जात्रा में हुई दुखद भगदड़ से मैं बहुत दुखी हूं. मैं घायलों से मिलने अस्पताल गया और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया. मैं व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी कर रहा हूं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हर आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझसे बात की और स्थिति का विस्तृत जायजा लिया, इस कठिन समय में अपना पूरा समर्थन देने की पेशकश की.

बता दें, यह घटना शनिवार तड़के हुई.

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार घटना के पीछे भीड़भाड़ एक बड़ा कारण हो सकता है.

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने शनिवार को घायलों का हालचाल जानने के लिए अस्पताल का दौरा किया.

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भीड़ के एक हिस्से के नियंत्रण खो देने के बाद स्थिति और बिगड़ गई. स्थानीय लोगों और मंदिर के स्वयंसेवकों ने लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए दौड़ लगाई.

भगदड़ उस समय हुई जब हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर में सदियों पुरानी रस्म को देखने और उसमें भाग लेने के लिए उमड़े थे, जहां नंगे पैर ‘धोंड’ जलते अंगारों पर चलते हैं.

श्री लैराई यात्रा हर साल उत्तरी गोवा में आयोजित की जाती है, जिसमें 50,000 से ज़्यादा श्रद्धालु आते हैं.

भगदड़ तब हुई जब धार्मिक यात्रा के एक बिंदु पर ढलान के कारण भीड़ एक साथ तेजी से आगे बढ़ने लगी.

रिपोर्ट के अनुसार, घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.

वहीं, उत्तरी गोवा के पुलिस अधीक्षक अक्षत कौशल ने कहा, “श्रीगाओ में लैराई देवी मंदिर में हुई भगदड़ में छह लोगों की मौत हो गई और 15 से ज्यादा लोग घायल हो गए.”

यात्रा के लिए 1,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था. भीड़ की गतिविधियों पर हवाई निगरानी के लिए ड्रोन भी लगाए गए थे.

इससे पहले शुक्रवार को मुख्यमंत्री सावंत, उनकी पत्नी सुलक्षणा, राज्यसभा सांसद सदानंद शेट तनावड़े और विधायक प्रेमेंद्र शेट और कार्लोस फरेरा ने यात्रा का दौरा किया था.

यह मंदिर उत्तरी और दक्षिणी स्थापत्य शैली के मिश्रण के लिए जाना जाता है, यहां हर साल मई में शिरगाओ जात्रा का आयोजन किया जाता है. इस त्योहार में आग पर चलने का पारंपरिक अनुष्ठान होता है, जिसमें हजारों भक्त आते हैं.

मौलिंगम सहित आस-पास के इलाकों के ग्रामीण पूरे दिन देवी लैराई को समर्पित धार्मिक अनुष्ठानों और प्रसाद में भाग लेते हैं, जैसा कि गोवा पर्यटन वेबसाइट पर बताया गया है.

लैराई जात्रा के दौरान आधी रात के करीब आते ही, भक्त मंदिर के अंदर एक जोशीला गोलाकार नृत्य करते हैं, जिसमें ढोल की थाप के साथ ताल में लाठी टकराते हैं.

केआर/