सीएम रेखा गुप्ता ने जगन्नाथ मंदिर में किया दर्शन-पूजन, प्रदेश की खुशहाली की कामना की

पुरी, 29 मार्च . दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता शनिवार को अपने कैबिनेट मंत्री प्रवेश वर्मा और बीजेपी सांसद संबित पात्रा के साथ ओडिशा के पुरी पहुंचीं. उन्होंने पुरी धाम में भगवान जगन्नाथ, माता सुभद्रा और बलराम जी के दर्शन किए.

दर्शन के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री का दायित्व संभालने के बाद पहली बार पुरी धाम आने और प्रभु के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. उन्होंने भगवान जगन्नाथ के चरणों में प्रार्थना की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश और दिल्ली प्रगति के पथ पर निरंतर आगे बढ़ते रहें.

मुख्यमंत्री ने दर्शन के बाद आभार व्यक्त करते हुए कहा, “भगवान के आशीर्वाद से दिल्ली सरकार को ‘विकसित दिल्ली’ के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ाने का अवसर मिला है.”

1 अप्रैल को मनाए जाने वाले ओडिशा दिवस के संदर्भ में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, “इस बार दिल्ली सरकार पहली बार ओडिशा दिवस को धूमधाम से मनाएगी. दिल्ली में भी एक अप्रैल को उत्कल दिवस का आयोजन होगा. दिल्ली में अलग-अलग प्रांतों से लोग अपने सपने लेकर आते हैं. ओडिशा से आए हजारों लोग दिल्ली को गति देने में योगदान दे रहे हैं. वे दिल्ली का अभिन्न हिस्सा हैं और उनके सुख-दुख में सरकार उनके साथ खड़ी है. उनकी समृद्धि और भविष्य के लिए हम प्रतिबद्ध हैं.”

इस मौके पर उन्होंने ओडिशा के सभी नागरिकों और दिल्ली में बसे ओडिशा के परिवारों को ‘उत्कल दिवस’ की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने घोषणा की कि दिल्ली सरकार पहली बार ‘उत्कल दिवस’ को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाएगी. इस आयोजन का उद्देश्य ओडिशा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को सम्मान देना और दिल्ली की सांस्कृतिक विविधता को और मजबूत करना है.

सीएम गुप्ता ने कहा, “मैं प्रत्येक ओडिशावासी और दिल्ली में रह रहे ओड़िया भाई-बहनों को उत्कल दिवस की बधाई देती हूं. भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद बना रहे और देश प्रगति की राह पर चलता रहे.”

रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली, देश की राजधानी होने के नाते, विभिन्न राज्यों से आए लाखों लोगों के सपनों का केंद्र है. हजारों परिवार जो ओडिशा से आए हैं, वे दिल्ली की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. दिल्ली सरकार ओडिशा के लोगों की समृद्धि, सुरक्षा और उज्ज्वल भविष्य के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.”

इस यात्रा और घोषणा के साथ दिल्ली सरकार ने ओडिशा की सांस्कृतिक पहचान को सम्मान देने और दोनों क्षेत्रों के बीच संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है.

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