पटना, 28 फरवरी . बिहार विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है और इसके मद्देनजर राजनीतिक माहौल गरमाने लगा है. राज्य में चुनावी हलचल के बीच केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) की ओर से शुक्रवार को पटना के गांधी मैदान में ‘दलित समागम’ का आयोजन किया गया. इस रैली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत बिहार एनडीए के प्रमुख नेताओं ने शिरकत की.
रैली में उपस्थित नेताओं ने एकजुटता का संदेश दिया और आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की रणनीति को लेकर चर्चा की. मुख्यमंत्री की उपस्थिति से यह संदेश देने की कोशिश की गई कि एनडीए एक है.
इस मौके पर जीतन राम मांझी ने दलित समुदाय के अधिकारों की रक्षा करने के लिए अपनी पार्टी के संघर्ष को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया. उन्होंने भाजपा और अन्य सहयोगी दलों के साथ मिलकर राज्य में सामाजिक न्याय और विकास के लिए काम करने की बात की.
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने दलित समुदाय को मिलने वाले आरक्षण की प्रक्रिया में बदलाव की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि अब यह जरूरी हो गया है कि अनुसूचित जाति में आने वाली अलग-अलग जातियों का शिक्षा के आधार पर वर्गीकरण कर उन्हें आरक्षण दिया जाए. साक्षरता का जो प्रतिशत जिस अनुसूचित जाति की उपजातियों में हो, उसी के आधार पर आरक्षण लागू किया जाए.
उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि आरक्षण की प्रक्रिया को और अधिक न्यायपूर्ण बनाना चाहिए, जिससे समाज के भीतर असमानताओं को कम किया जा सके और सभी को समान अवसर प्राप्त हो.”
जीतन राम मांझी ने रैली में सफाई कर्मचारी आयोग के गठन की भी मांग की. उन्होंने कहा कि जब वह मुख्यमंत्री थे, तब सफाई कर्मचारी आयोग का मसौदा तैयार किया गया था, लेकिन वह मसौदा अब कहां गया, यह उन्हें नहीं पता. उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारी आयोग का गठन होना चाहिए. राज्य सरकार को इस दिशा में कदम उठाना चाहिए.
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एकेएस/एकेजे