सीएम ममता बनर्जी ने दिल्ली सरकार पर बंगालियों को परेशान करने का लगाया आरोप

New Delhi, 10 जुलाई . पश्चिम बंगाल की Chief Minister ममता बनर्जी ने New Delhi के वसंत कुंज में बंगाली भाषी लोगों के कथित उत्पीड़न पर कड़ा विरोध जताया और दावा किया कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने इलाके में बिजली और पानी की आपूर्ति काटने का आदेश दिया.

ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “मैं New Delhi के वसंत कुंज स्थित जय हिंद कॉलोनी से उत्पीड़न की चौंकाने वाली खबर सुनकर बहुत परेशान हूं. यह एक ऐसी बस्ती है, जहां मुख्य रूप से बंगाली लोग रहते हैं, जो शहर के असंगठित कार्यबल का हिस्सा हैं. कथित तौर पर भाजपा सरकार के आदेश पर उनकी पानी की आपूर्ति काट दी गई. बिजली के मीटर जब्त कर लिए गए और परसों अचानक बिजली काट दी गई. निवासियों का यह भी आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने आरएएफ कर्मियों के समर्थन से उनके द्वारा मंगवाए गए और भुगतान किए गए निजी पानी के टैंकरों को रोक दिया. पिछले दिसंबर महीने में दिल्ली पुलिस द्वारा एक और उल्लंघन के बाद मामला अदालत में विचाराधीन होने के बावजूद जबरन बेदखली की प्रक्रिया चल रही है. अगर आश्रय, पानी और बिजली के बुनियादी अधिकारों का हनन हो रहा है, तो हम एक लोकतांत्रिक गणराज्य होने का दावा कैसे कर सकते हैं?”

तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने चेतावनी दी कि इस तरह की कार्रवाइयां बंगाली भाषी भारतीयों की पहचान और भाषा का अपराधीकरण करने के समान हैं. उन्होंने एक्स पर लिखा, “बंगाल में डेढ़ करोड़ से ज्यादा प्रवासी मजदूर हैं, जो सम्मान के साथ रह रहे हैं. लेकिन, यही बात भाजपा शासित राज्यों के लिए नहीं कही जा सकती, जहां बंगालियों के साथ अपने ही देश में घुसपैठियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है. बंगाली बोलने से कोई बांग्लादेशी नहीं हो जाता. ये लोग भी उतने ही भारत के नागरिक हैं जितने कोई और, चाहे वे कोई भी भाषा बोलते हों.”

उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में राजनीतिक रूप से दबदबा बनाने में विफल रहने के बाद भाजपा अब गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा और मध्य प्रदेश जैसे भाजपा शासित राज्यों में बंगालियों को रणनीतिक रूप से निशाना बना रही है.

उन्होंने पोस्ट में लिखा, “पश्चिम बंगाल में बंगालियों को वंचित करने के अपने प्रयासों में विफल होने के बाद, भाजपा अब अपने बांग्ला-विरोधी एजेंडे को रणनीतिक और व्यवस्थित तरीके से देश के अन्य हिस्सों में फैला रही है. गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा और मध्य प्रदेश से परेशान करने वाली खबरें सामने आई हैं, जहां बंगाली भाषी लोगों को लक्षित उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है. और अब, शत्रुता का यह पैटर्न राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तक पहुंच गया है. जब तक बंगाल के लोगों के साथ उनके ही देश में घुसपैठियों जैसा व्यवहार होता रहेगा, हम चुप नहीं रहेंगे. बंगाल हर उत्पीड़ित आवाज के साथ एकजुटता से खड़ा है. हम इस मुद्दे को हरसंभव मंच पर उठाएंगे.”

एकेएस/एकेजे