गुवाहाटी, 11 सितंबर . कांग्रेस नेता देबब्रत सैकिया ने Thursday को असम के Chief Minister हिमंत बिस्वा सरमा पर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई के कथित पाकिस्तानी संबंधों की एसआईटी जांच का राजनीतिक दुरुपयोग करने का आरोप लगाया.
सैकिया ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि Chief Minister “निराधार दावे” कर रहे हैं कि गोगोई के पाकिस्तान और यहां तक कि आईएसआई से भी संबंध हैं. सीएम लगातार कहते रहे कि गौरव गोगोई भारतीय अधिकारियों को सूचित किए बिना 15 दिनों तक इस्लामाबाद में रहे और वह आईएसआई के संपर्क में थे. बाद में उन्होंने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान जाना ही एक अपराध है, जो बेतुका है. यहां तक कि हमारे Prime Minister भी एक बार नवाज शरीफ के साथ डिनर करने वहां गए थे.
उन्होंने आगे बताया कि Chief Minister द्वारा बार-बार सबूत पेश करने के आश्वासन के बावजूद, ऐसा कोई सबूत सामने नहीं आया है. सैकिया ने सवाल किया कि Chief Minister ने 10 सितंबर को सब बताने का वादा किया था, लेकिन अब वे कह रहे हैं कि उन्हें एसआईटी रिपोर्ट का अध्ययन करना होगा. अगर उन्हें रिपोर्ट की विषय-वस्तु की जानकारी नहीं थी, तो वे पहले इतने बड़े-बड़े दावे कैसे कर सकते थे?
सैकिया ने गोगोई की पत्नी, जिन पर पाकिस्तान से संबंधों के आरोप लगे हैं, का बचाव करते हुए कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने वाली एक प्रसिद्ध जलवायु विशेषज्ञ हैं. पाकिस्तान या अपने क्षेत्र के किसी अन्य देश के विशेषज्ञों के साथ सहयोग करना अपराध नहीं कहा जा सकता.
सैकिया ने आरोप लगाया कि यह पूरा विवाद पंचायत चुनावों से पहले ध्यान भटकाने के लिए खड़ा किया गया था. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार अपने 2016 के विजन डॉक्यूमेंट में किए गए वादों को पूरा करने में विफल रही. अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए, उन्होंने कांग्रेस नेताओं को राष्ट्र-विरोधी करार देने की कोशिश की.
उन्होंने एसआईटी जांच की भी आलोचना की और तर्क दिया कि अंतरराष्ट्रीय जासूसी के मामले केंद्रीय एजेंसियों के अधीन आते हैं, राज्य पुलिस के नहीं. सैकिया ने कहा कि अगर यह सचमुच आईएसआई और पाकिस्तान का मामला था तो एनआईए या केंद्रीय खुफिया एजेंसी को इसे देखना चाहिए था. राज्य पुलिस को ऐसे मामलों में कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि यह भाजपा द्वारा “विपक्ष के खिलाफ सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल” करने का एक और उदाहरण है.
सैकिया ने पिछले उदाहरणों का हवाला देते हुए एपीएससी जांच रिपोर्ट और ईडी के मामलों के साथ तुलना की. उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा संस्थाओं का दुरुपयोग एक पैटर्न है. एपीएससी मामले में, एक मृत अधिकारी को भी बिना पूछताछ के दोषी ठहराया गया. इसी तरह, ईडी हजारों मामले दर्ज करता है, लेकिन मुश्किल से 5 प्रतिशत में ही सफलता मिलती है. यह एसआईटी भी न्याय के लिए नहीं, बल्कि राजनीतिक उद्देश्यों से गठित की गई थी.
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एएसएच/डीएससी