भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस सुनिश्चित करें : सीएम हेमंत सोरेन

रांची, 23 दिसंबर . झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को राज्य में राजस्व वसूली, मंईयां सम्मान योजना, नियुक्ति परीक्षा, जमीन संबंधी दस्तावेजों के डिजिटाइजेशन, महिला प्रताड़ना, ह्यूमन ट्रैफिकिंग, पलायन जैसे मुद्दों को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हाई लेवल मैराथन मीटिंग की.

मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रशासनिक तंत्र जन समस्याओं और शिकायतों के प्रति संवेदनशील बने. किसी भी स्तर पर कोताही नहीं होनी चाहिए. सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी को लेकर प्रतिबद्ध है. ऐसी हर शिकायत पर पूरी निष्पक्षता के साथ जांच कर विधि सम्मत कार्रवाई सुनिश्चित करें.”

मुख्यमंत्री ने राजस्व संग्रह से संबंधित विभागों को निर्धारित लक्ष्य हर हाल में पूरा करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही राजस्व बढ़ोतरी को लेकर नए स्रोत की संभावनाएं तलाशें. मुख्यमंत्री ने वाणिज्य कर विभाग के शीर्ष अफसरों को फर्जी निबंधन और इनवॉइस के मामलों को चिन्हित करने के साथ उसे रोकने के लिए एनफोर्समेंट सिस्टम बनाने को कहा. इस दौरान अधिकारियों ने अब तक राजस्व वसूली से संबंधित जानकारी से मुख्यमंत्री को अवगत कराया.

बैठक में बताया गया कि मंईयां सम्मान योजना के तहत चिन्हित लाभार्थियों के बीच 2,500 रुपए की राशि 28 दिसंबर को डीबीटी के जरिए हस्तांतरित की जाएगी. इसके लिए रांची के नामकुम में कार्यक्रम आयोजित होगा. सीएम सोरेन ने इसे लेकर अफसरों को आवश्यक तैयारियां पूरी करने को कहा.

जेएसएससी की सीजीएल परीक्षा-2023 को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा इससे जुड़े विवादों में जो निर्देश दिए गए हैं, उसके अनुरूप पूरी निष्पक्षता के साथ जांच पूरी कर रिपोर्ट सुपुर्द करें. उन्होंने कहा कि जांच के दौरान परीक्षा आयोजन के दौरान हुई गड़बड़ियों तथा मिली शिकायतों और परीक्षा परिणाम के बाद हुए विवाद एवं हंगामा की भी जांच हो और इसमें जो भी दोषी हों, उनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में बड़े पैमाने पर होने वाली नियुक्तियों की प्रतियोगिता परीक्षाओं में गड़बड़ियों की गुंजाइश न हो, इसे लेकर एक्शन प्लान तैयार किया जाए. ऑनलाइन मोड में परीक्षा आयोजित करने की दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है. कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट ( ) माध्यम से परीक्षा लेने पर काफी हद तक पेपर लीक जैसे मामलों को नियंत्रित किया जा सकता है.

पोक्सो एक्ट, महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा अत्याचार एवं यौन उत्पीड़न, ह्यूमन ट्रैफिकिंग और पलायन जैसे मामलों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को पुलिस प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर रखने की हिदायत दी. इस तरह के मामलों में जो भी शिकायतें और प्राथमिकी दर्ज होती है, उसकी पूरी निष्पक्षता से जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा. उन्होंने महिला हिंसा से जुड़े मामलों में दर्ज शिकायतों और उस पर हुई कार्रवाई की हर महीने रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जमीन विवाद से जुड़ी कई शिकायत लगातार सामने आ रही है. विशेष कर अंचल कार्यालयों में दाखिल-खारिज के नाम पर भ्रष्टाचार का बोलबाला है. इस पर नियंत्रण करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं. इसमें शामिल अधिकारियों, कर्मियों के साथ जमीन दलालों के खिलाफ कार्रवाई करें. जमीनों के डिजिटाइजेशन को लेकर भी काफी शिकायतें मिल रही हैं. जमीन दलालों द्वारा बड़े स्तर पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए जमीनों की हेरा-फेरी की जा रही है. इससे जमीन से जुड़े विवाद बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं. इसे रोकने की दिशा में सभी संभावित कदम उठाए जाएं.

मीटिंग में मुख्य सचिव अलका तिवारी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता, प्रधान सचिव सुनील कुमार, सचिव प्रशांत कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.

एसएनसी/एबीएम