देहरादून, 26 सितंबर . उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार राज्य में रोजगार देने की दिशा में नए कीर्तिमान बना रही है. पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) रिपोर्ट में भी उत्तराखंड ने श्रमिक जनसंख्या औसत में राष्ट्रीय औसत को भी पीछे छोड़ दिया है. पिछले एक वर्ष में रोजगार के अवसर बढ़ने से राज्य में बेरोजगारी घटी है.
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्यों के साथ खड़ा करना हमारा संकल्प है. हम रोजगार के अधिकाधिक अवसर सृजित कर रहे हैं. सरकारी क्षेत्र में ही 16 हजार से अधिक युवाओं को हमने नियुक्ति दी है. निजी क्षेत्र में भी यह सिलसिला शुरू हो चुका है. आगामी सालों में निवेश के अधिकांश करारों के धरातल पर उतरने से लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा. उत्तराखंड युवाओं को सिर्फ रोजगार ही नहीं देगा, बल्कि उन्हें दूसरों को रोजगार देने वाला भी बनाएगा.
उत्तराखंड में सभी आयु वर्गों में बेरोजगारी दर 4.5 प्रतिशत से घटकर 4.3 फीसदी पर आ गई है. 15-29 वर्ष के आयु वर्ग में 14.2 से घटकर 9.8 प्रतिशत पर आ गई है. वर्ष 2022-23 की तुलना में 2023-24 में सभी आयु वर्गों में श्रमिक जनसंख्या अनुपात में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. 15-29 वर्ष के आयु वर्ग में श्रमिक जनसंख्या अनुपात 27.5 प्रतिशत से बढ़कर 44.2 प्रतिशत हो गया है.
उत्तराखंड में श्रम बल में भी साल 2022-23 के मुकाबले में वर्ष 2023-24 में युवाओं की भागीदारी बढ़ी है. 15-29 वर्ष के आयु वर्ग में श्रम बल भागीदारी दर 43.7 प्रतिशत से बढ़कर 49 प्रतिशत पहुंच गई है. इसी तरह 15-59 के आयु वर्ग में 60.1 प्रतिशत से बढकर 64.4 प्रतिशत और 15 वर्ष और उससे अधिक की श्रेणी में 56 प्रतिशत से बढ़कर 60.7 प्रतिशत पहुंच गई है.
उत्तराखंड में 15-29 के आयु वर्ग में श्रमिक जनसंख्या औसत 49 प्रतिशत रहा है. वहीं, राष्ट्रीय औसत 46.5 प्रतिशत है. इसी प्रकार 15-59 के आयु वर्ग में उत्तराखंड का 64.4 प्रतिशत तो राष्ट्रीय औसत 64.3 प्रतिशत और 15 वर्ष और उससे अधिक वर्ष की श्रेणी में उत्तराखंड का 60.7 प्रतिशत तो राष्ट्रीय औसत 60.1 प्रतिशत रहा है.
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एसके/एबीएम