देहरादून, 8 अगस्त . उत्तराखंड के Chief Minister पुष्कर सिंह धामी ने Friday को उत्तरकाशी में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की समीक्षा की. उन्होंने यह जानकारी अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर दी.
Chief Minister ने बताया कि उत्तरकाशी में आज (Friday) प्रातः काल धराली में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की. हेली सेवा, एमआई 17 और चिनूक हेलीकॉप्टरों की मदद से सुबह से ही युद्ध स्तर पर रेस्क्यू अभियान चलाकर लोगों को सुरक्षित वापस लाया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार से पूर्ण सहयोग प्राप्त हो रहा है. इस दौरान अधिकारियों से सड़क, संचार और बिजली की बहाली के साथ-साथ खाद्यान्न आपूर्ति पर उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. हम शीघ्र से शीघ्र सभी प्रभावितों को सुरक्षित निकालने और सामान्य जनजीवन को बहाल करने का प्रयास कर रहे हैं.
इससे पहले Thursday को भी Chief Minister पुष्कर सिंह धामी ने राहत एवं बचाव कार्य की समीक्षा की थी. उन्होंने उत्तरकाशी के आपदा नियंत्रण कक्ष पहुंचकर आपदा प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया था. Chief Minister ने पौड़ी गढ़वाल जिले का दौरा किया, जहां पाबौ और थलीसैंण ब्लॉकों में बादल फटने से कई लोगों की जान गई थी और घरों, सड़कों और पुलों को व्यापक नुकसान पहुंचा था.
इस दौरान अधिकारियों को विशेषकर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के प्रति अतिरिक्त संवेदनशीलता बरतने के निर्देश दिए गए थे.
उन्होंने बताया था कि अधिकारियों से स्पष्ट रूप से कहा कि यदि किसी भी स्तर पर प्रदेश सरकार से विशेष सहयोग की आवश्यकता हो, तो तुरंत अवगत कराएं. प्रभावित क्षेत्रवासियों की समस्याओं का समाधान हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसके लिए हम हर ज़रूरी कदम उठाने को पूरी तरह तैयार हैं.
धराली में, 5 अगस्त को बादल फटने से आई अचानक बाढ़ और भूस्खलन के बाद से करीब 50 नागरिक, आठ जवान और एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) अभी भी लापता हैं.
बादल फटने के बाद, यह इलाका काफी हद तक दुर्गम बना हुआ है, और बरतवारी, लिंचीगाड, गंगरानी, हर्षिल और धराली में प्रमुख सड़क संपर्क बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं. सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के जवान फंसे हुए पर्यटकों को भोजन, चिकित्सा सहायता और आश्रय प्रदान कर रहे हैं. पुनर्स्थापना के प्रयास जारी हैं, लेकिन मौसम और भू-भाग संबंधी चुनौतियां बनी हुई हैं.
सेना के अनुसार, वापसी उड़ानों में पर्यटकों को नेलोंग हेलीपैड से निकाला जा रहा है. हर्षिल स्थित सैन्य हेलीपैड पूरी तरह से चालू है.
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एसएचके/केआर