गांधीनगर, 19 जुलाई . Chief Minister भूपेंद्र पटेल ने प्रेरक आह्वान किया है कि मैरीटाइम सेक्टर में करियर शुरू करने वाले युवा राष्ट्रहित एवं हमारी सामुद्रिक विरासत की प्रतिष्ठा के संवर्धन-संरक्षण के विचार के साथ कर्तव्यरत रहें.
पटेल ने Saturday को गुजरात मैरीटाइम यूनिवर्सिटी (जीएमयू) के प्रथम दीक्षांत समारोह में दीक्षांत वक्तव्य देते हुए कहा कि आज मैरीटाइम सेक्टर में अपार अवसर हैं और इस सेक्टर के लिए भारत बहुत तेजी से अग्रणी टैलेंट पूल सप्लायर बन रहा है. इतना ही नहीं, आज जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशाग्र नेतृत्व के कारण विश्व की अपेक्षाएं भी भारत से बढ़ गई हैं, तब देश के मैरीटाइम सेक्टर को नई ऊंचाइयां पार करने का दायित्व इस सेक्टर में पदार्पण कर रही युवा शक्ति को निभाना है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात को पोर्ट-लेड डेवलपमेंट का केंद्र बनाने के साथ पोर्ट तथा मैरीटाइम विरासत को आधुनिक ज्ञान कौशल्य से संवर्धित कर इस सेक्टर में वर्ल्ड क्लास ट्रेंड वर्कफोर्स उपलब्ध कराने के लिए गुजरात मैरीटाइम यूनिवर्सिटी की शुरुआत कराई थी. इस यूनिवर्सिटी के प्रथम दीक्षांत समारोह में एलएलएम विद्या संकाय के 188 तथा एमबीए के 62 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गईं.
Chief Minister भूपेंद्र पटेल ने इन विद्या संकायों में उत्कृष्टता के लिए 8 छात्राओं सहित कुल 13 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया. पटेल ने जोड़ा कि गुजरात के पास 4 हजार वर्ष से अधिक पुराना पुरातन इतिहास तथा समुद्री विरासत वाला लोथल बंदरगाह है. प्रधानमंत्री ने ‘विकास भी, विरासत भी’ के मंत्र को चरितार्थ करने वाले लोथल में नेशनल मैरीटाइम हेरिटेज कॉम्प्लेक्स का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट कार्यरत किया है.
भूपेंद्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री के 11 वर्ष के सफल कार्यकाल में भारत समुद्री अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार का साक्षी रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा शुरू कराए गए पीएम गति शक्ति, सागरमाला तथा ब्लू इकोनॉमी मिशन जैसे कार्यक्रम देश के पोर्ट्स, लॉजिस्टिक्स तथा कोस्टल इकोनॉमी की वास्तविक क्षमता को उजागर करते हैं. पटेल ने डिग्री प्राप्त कर रहे युवाओं को इस क्षमता को विश्व पटल पर तेजी से पहुंचाने के लिए संवाहक बनने की प्रेरणा दी.
उन्होंने जोड़ा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश स्वतंत्रता की शताब्दी की ओर आगे बढ़ रहा है और इस अमृत काल की अमृत पीढ़ी के रूप में युवाओं को विकसित भारत 2047 का भाग्यविधाता बनना है. Chief Minister ने डिग्रीधारी युवाओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं भी दीं.
आरंभ में राज्य के मुख्य सचिव तथा गुजरात मैरीटाइम यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष पंकज जोशी ने स्वागत संबोधन करते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी ने इनोवेशन, कोलैबोरेशन तथा एक्सीलेंस से नए माइलस्टोन्स पार किए हैं. उन्होंने कहा कि हम गुजरात मैरीटाइम यूनिवर्सिटी के प्रथम दीक्षांत समारोह से विद्यार्थियों की शैक्षणिक उपलब्धियों के जश्न के साथ-साथ मैरीटाइम सेक्टर्स में लीड ले सकने वाली नई पीढ़ी विश्व के समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं. यह पीढ़ी वैश्विक मंच पर भारत के भविष्य का मार्ग निर्धारित करेगी. आज डिग्री प्राप्त कर रहे विद्यार्थी भारत के मैरीटाइम स्किल का भविष्य हैं.
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि गुजरात मैरीटाइम यूनिवर्सिटी ने यूनाइटेड नेशन्स एन्वायर्नमेंटल प्रोग्राम, इंटरनेशनल ग्रुप ऑफ प्रोटेक्शन एंड इंडेम्निटी क्लब्स, इंटरनेशनल सी फेयर्स वेलफेयर एंड अससिस्टेंस नेटवर्क, इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर आदि विश्वविख्यात संगठनों के साथ महत्वपूर्ण भागीदारी की है.
उन्होंने यूनिवर्सिटी की उपलब्धियों की रूपरेखा देते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी द्वारा हाल ही में सफलतापूर्वक आयोजित की गईं महत्वपूर्ण कॉन्फ्रेंसों और किए गए 20 से अधिक एमओयू का भी विवरण दिया. उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों के लिए राज्य में पर्याप्त मात्रा में ट्रेनिंग प्लेटफॉर्म उपलब्ध हैं. उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों तथा फैकल्टियों द्वारा तैयार 100 से अधिक शोध पत्र प्रतिष्ठित जर्नल्स में प्रकाशित हुए हैं. इसके अतिरिक्त, जीएमयू को स्टार अवॉर्ड्स 2024 द्वारा भारत में ‘मैरीटाइम कैपेसिटी बिल्डिंग चैम्पियन’ के रूप में मान्यता प्राप्त होने के लिए सम्मानित किया गया है.
जीएमयू के प्रभारी डीन प्रो. डॉ. एस. शांता कुमार ने स्वागत संबोधन किया तथा संस्थान की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की. प्रभारी रजिस्ट्रार डॉ. चिराग पटेल ने सभी का आभार व्यक्त किया. इस अवसर पर Chief Minister के अपर मुख्य सचिव एमके दास, राजस्व विभाग की अपर मुख्य सचिव जयंती रवि, बंदरगाह एवं परिवहन विभाग के प्रधान सचिव आरसी मीणा, गुजरात मैरीटाइम बोर्ड (जीएमबी) के सीईओ राज कुमार बेनीवाल, यूनिवर्सिटी के विद्या संकायों के डीन व प्राध्यापक, आमंत्रित शिक्षाविद्, डिग्री प्राप्त करने वाले युवा विद्यार्थी तथा उनके परिजन उपस्थित रहे.
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डीकेपी