गया, 2 सितंबर . बिहार के वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रेम कुमार ने सोमवार को कहा कि विश्वभर में जलवायु परिवर्तन एक गंभीर विषय के रूप में सभी राष्ट्रों के सामने कई प्रश्नों को अपने आप में समेटे हुए खड़ा है, ऐसे में गया के दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) कैंपस में फैली हरित पट्टी पूरे बिहार के शिक्षण संस्थानों के लिए एक प्रेरणा का विषय होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि सीयूएसबी का हरा-भरा कैंपस मगध क्षेत्र में एक हरित पट्टी के रूप में विकसित हो चुका है, जिसके कारण विश्वविद्यालय पर्यावरण संरक्षण एवं जैव विविधता संरक्षण एवं संवर्धन में बहुमूल्य योगदान निभा रहा है.
वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री ने दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित ‘एक पेड़ मां के नाम’ कार्यक्रम के तहत विश्वविद्यालय परिसर में बौद्ध शिल्पकला स्तूप के पास पौधरोपण किया.
उन्होंने कहा कि कैंपस में विश्वस्तरीय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के प्रति भागीदारी काफी सराहनीय है. बिहार में ‘एक पेड़ मां के नाम’ के तहत प्रत्येक जिले में वृहद स्तर पर पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिससे फारेस्ट कवरेज के प्रतिशत में व्यापक बढ़ोतरी हो रही है.
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह ने आह्वान किया कि पृथ्वी की रक्षा के लिए एक पेड़ मां के नाम पर जरूर लगाएं तभी जल, जीवन और हरियाली का लक्ष्य पूरा हो सकता है. जब यह पृथ्वी सुरक्षित होगी तभी हम सुरक्षित रहेंगे और इसकी रक्षा करना हम सबकी जिम्मेदारी है. प्रकृति के तत्व पृथ्वी, जल और वायु में समन्वय बनाए रखने के लिए पेड़ों का संरक्षण भी जरूरी है और हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए.
कार्यक्रम में शामिल लोगों ने विश्वविद्यालय परिसर और अपने घर के आसपास एक पेड़ मां के नाम पर लगाने और पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान देने का संकल्प लिया.
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एमएनपी/एबीएम