नई दिल्ली, 20 नवंबर . केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि ‘उड़ान’ योजना ने सिविल एविएशन सेक्टर को बढ़ावा दिया है. इस योजना के साथ हवाई यात्रा में बदलाव आया है और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ने के साथ लाखों लोग योजना का लाभ ले रहे हैं.
17 नवंबर को एक ही दिन में 5,05,412 घरेलू यात्रियों ने हवाई यात्रा की, जिसके साथ पहली बार दैनिक यात्रियों की संख्या 5 लाख के आंकड़े को पार कर गई. यह डोमेस्टिक एविएशन सेक्टर के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि रही.
देशभर में 3,100 से अधिक उड़ानों के संचालन के साथ, यह उपलब्धि ग्लोबल एविएशन लैंडस्कैप में भारत की बढ़ती प्रमुखता को दर्शाती है.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा, “उड़ान योजना इस बदलाव में महत्वपूर्ण रही है, जिसने हेलीकॉप्टर सेवाओं सहित 609 मार्गों को चालू किया है और देश भर के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बेहतर तरीके से जोड़ा है.”
हेलीकॉप्टर मार्गों और लास्ट माइल कनेक्टिविटी जैसी निरंतर प्रगति के साथ, उड़ान योजना ने आकांक्षाओं और पहुंच के बीच की खाई को कम किया है, जिससे भारत के विमानन परिदृश्य में नया बदलाव आया है.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “यह निरंतर प्रगति अब एक ऐतिहासिक मील का पत्थर बन गई है, जो इस योजना के दूरगामी प्रभाव को दर्शाता है.”
‘उड़ान’ योजना 21 अक्टूबर, 2016 को शुरू की गई थी. पहली उड़ान 27 अप्रैल, 2017 को शिमला से दिल्ली को जोड़ते हुए रवाना हुई.
उड़ान 5.0 सीरीज (5.0 से 5.4) ने प्रमुख प्रगति की, जिसमें दूरी की सीमा को हटाना, परिचालन हवाई अड्डों को प्राथमिकता देना, हेलीकॉप्टर और छोटे विमानों की कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना और बंद मार्गों को फिर से चालू करना, पूरे भारत में अंतिम मील हवाई संपर्क सुनिश्चित करना शामिल है.
क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस)-उड़ान ने भारत में सिविल एविएशन इंडस्ट्री को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
फ्लाईबिग, स्टार एयर, इंडियावन एयर और फ्लाई91 जैसे क्षेत्रीय वाहकों ने इस योजना से लाभ लिया है, उन्होंने स्थायी व्यवसाय मॉडल विकसित किए हैं और क्षेत्रीय हवाई यात्रा के लिए एक उभरते इकोसिस्टम में योगदान दिया है.
इस बीच, सरकार द्वारा ‘उड़ान’ क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना को 10 और वर्षों के लिए बढ़ाए जाने से देश के कई क्षेत्रों में हवाई सेवा से वंचित मार्गों में सुधार आएगा और आम नागरिकों की आकांक्षाएं पूरी होंगी.
इस योजना के तहत 609 मार्ग और 86 हवाई अड्डे चालू हैं. इस साल अक्टूबर तक योजना से 1.44 करोड़ यात्रियों को फायदा हुआ है.
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एसकेटी/एबीएम