चीनी विदेश मंत्रालय ने चीन और अमेरिका के राष्ट्रपतियों की बातचीत पर प्रकाश डाला

बीजिंग, 3 अप्रैल . चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वनपिन ने बुधवार को नियमित प्रेस वार्ता में चीन और अमेरिका के राष्ट्रपतियों की बातचीत में रनआईच्यो, हांगकांग, शिनच्यांग और तिब्बत मुद्दों संबंधी ठोस विषयों पर प्रकाश डाला.

प्रवक्ता ने बताया कि बातचीत में चीनी पक्ष ने अमेरिका से कहा कि नानशा द्वीप समूह और उसके आसपास के समुद्र पर चीन की अविवादित प्रभुसत्ता है, जिनमें रनआईच्यो शामिल है. रनआईच्यो विवाद का मूल कारण फिलिपींस का अनेक बार अपनी बात से पीछे हटना है और चीन के मानव रहित टापू पर स्थाई चौकी स्थापित करने की चेष्टा करना है ताकि रनआईच्यो पर अवैध कब्जा किया जाए.

अमेरिका दक्षिण चीन सागर मामले का एक पक्ष नहीं है. अमेरिका को चीन और फिलिपींस के बीच मौजूद सवाल में हिस्सा नहीं लेना चाहिए. हांगकांग मामले की चर्चा में प्रवक्ता ने बल दिया कि अमेरिका को चीन की प्रभुसत्ता और हांगकांग के कानूनी शासन का सम्मान कर इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए.

शिनच्यांग व तिब्बत सवाल के बारे में प्रवक्ता ने कहा कि शिनच्यांग और तिब्बत मुद्दा चीन का आंतरिक मामला है. चीन पारस्परिक सम्मान की पूर्वशर्त में अमेरिका के साथ आदान-प्रदान करना चाहता है, लेकिन मानवाधिकार के उपयोग से चीन के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप करने का डटकर विरोध करता है.

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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