चीनी महावाणिज्यदूत ने भारतीय चिकित्सा सहायता दल के डॉ. बसुह्वा की स्मृति प्रदर्शनी का दौरा किया

बीजिंग, 10 मई . हाल ही में, कोलकाता स्थित चीनी महावाणिज्यदूत श्यू वेइ ने भारतीय एकीकृत चिकित्सा संस्थान के एक्यूपंक्चर अस्पताल में चीन में भारतीय चिकित्सा सहायता दल के डॉ. बिजॉय कुमार बसु (उनका चीनी नाम बसुह्वा है) की स्मारक प्रदर्शनी का दौरा किया और अस्पताल के संस्थापक तथा डॉ. बसुह्वा के छात्रों आदि के साथ मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान किया.

महावाणिज्यदूत श्यू वेइ ने कहा कि चीनी जनता के लिए सबसे महत्वपूर्ण क्षण में, डॉ. कोटनीस, डॉ. बसुह्वा और चीन में भारतीय चिकित्सा सहायता दल ने चीनी जनता की राष्ट्रीय मुक्ति के लिए दृढ़तापूर्वक स्वयं को समर्पित कर दिया. डॉ. कोटनीस ने तो अपना बहुमूल्य जीवन भी बलिदान कर दिया. वे मानवतावाद और अंतर्राष्ट्रीयता की महिमा से चमके, जिसे चीनी लोग कभी नहीं भूलेंगे. भारत लौटने के बाद, डॉ. बसुह्वा ने सक्रिय रूप से डॉ. कोटनीस की भावना को विरासत में लिया और भारत में चीनी एक्यूपंक्चर को बढ़ावा दिया, जिससे बड़ी संख्या में गरीब रोगियों को लाभ मिला और चांदी की सुइयों के माध्यम से चीन और भारत के बीच मैत्री का पुल बनाया गया.

उन्होंने आगे बताया कि कोलकाता स्थित चीनी महावाणिज्य दूतावास एक्यूपंक्चर प्रतिभाओं के आदान-प्रदान और प्रशिक्षण के लिए समर्थन प्रदान करना जारी रखेगा, चीन और भारत के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को संयुक्त रूप से बढ़ावा देगा और द्विपक्षीय संबंधों के स्वस्थ और स्थिर विकास में योगदान देगा.

भारतीय एकीकृत चिकित्सा संस्थान के एक्यूपंक्चर अस्पताल के डॉक्टरों ने महावाणिज्यदूत शू वेइ का गर्मजोशी से स्वागत किया तथा अस्पताल के एक्यूपंक्चर उपचार अनुप्रयोगों और प्रतिभा प्रशिक्षण से उन्हें परिचित कराया. महावाणिज्यदूत शू वेइ ने एक्यूपंक्चर क्लिनिक का दौरा किया तथा डॉक्टरों और मरीजों के साथ सौहार्दपूर्ण बातचीत की.

बता दें कि सितंबर 1938 में, डॉ. बसुह्वा चीनी जनता के जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध में सहायता करने के लिए भारतीय चिकित्सा दल में शामिल हो गए और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हो गए. वे 1943 में भारत लौट आए और चीन में चिकित्सा दल के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले सदस्य रहे.

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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