लोक साहित्य और कला के कॉपीराइट संरक्षण को महत्व दें : चीनी और विदेशी विद्वान

बीजिंग, 8 नवंबर . पूर्वी चीन के चच्यांग प्रांत के वनचो शहर में ‘लोक साहित्य और कला कॉपीराइट के संरक्षण और संवर्धन पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी’ उद्घाटित हुआ, जिसमें उपस्थित अतिथियों ने कहा कि सभी देशों को लोक साहित्य और कला कॉपीराइट के संरक्षण कार्य पर महत्व देना चाहिए और इसका समर्थन करना चाहिए. साथ ही, जल्द से जल्द आम सहमति पर पहुंचने और नए अंतर्राष्ट्रीय नियम बनाने के लिए सभ्यताओं के बीच अंतर्राष्ट्रीय आदान-प्रदान और आपसी सीख को मजबूत करना आवश्यक है.

इस संगोष्ठी में 300 से अधिक चीनी और विदेशी प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें विश्व बौद्धिक संपदा संगठन और अफ्रीकी क्षेत्रीय बौद्धिक संपदा संगठन जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठन, 20 से अधिक देशों के कॉपीराइट और सांस्कृतिक अधिकारी, साथ ही अधिकार धारक, उद्योग और शैक्षणिक प्रतिनिधि शामिल हैं.

उन्होंने ‘लोक साहित्य और कला में बौद्धिक संपदा अधिकारों के संरक्षण के संबंध में क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और सामुदायिक नीतियां और कानून’, ‘लोक साहित्य और कला की रक्षा और आर्थिक विकास व सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए बौद्धिक संपदा का उपयोग करने में क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और सामुदायिक अनुभव’ तथा ‘पारंपरिक सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों का अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा संरक्षण और आगे का रास्ता’ सहित तीन इकाइयों के विषयों पर चर्चा की.

बता दें कि साल 2021 से, चीनी राष्ट्रीय कॉपीराइट प्रशासन ने लोक साहित्य और कला कॉपीराइट के संरक्षण और प्रचार के लिए पायलट क्षेत्रों के रूप में 4 चरणों में 4 प्रांत-स्तरीय, 18 नगरपालिका-स्तरीय और 12 काउंटी-स्तरीय क्षेत्रों का चयन कर संबंधित कृतियों का पंजीकरण, प्रचार-प्रसार, कॉपीराइट परिवर्तन और कॉपीराइट संरक्षण किया और लोक साहित्य और कला से संबंधित कॉपीराइट उद्योगों का जोरदार विकास किया, जिससे लोक साहित्य और कला कॉपीराइट के मूल्य को और सक्रिय किया गया.

मौजूदा संगोष्ठी में एक चित्र, पाठ और भौतिक वस्तुओं की प्रदर्शनी भी थी, जो चीन भर में लोक साहित्य और कला कॉपीराइट के संरक्षण और प्रचार पर पायलट कार्य की प्रगति पर केंद्रित थी.

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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