बीजिंग, 15 मार्च . जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय और स्विट्जरलैंड में अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में चीन के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत छन श्य्वी ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 55वें सत्र में 80 देशों की ओर से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के माध्यम से बच्चों के अधिकारों को बढ़ावा देने पर एक संयुक्त भाषण दिया.
संयुक्त भाषण में कहा गया कि एआई मानव विकास का एक नया क्षेत्र है. हमें व्यापक परामर्श, सह-निर्माण और साझाकरण की अवधारणा को कायम रखते हुए एआई प्रशासन को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करना चाहिए. बच्चे मानव जाति का भविष्य और आशा हैं. बच्चों की नई पीढ़ी उन मुख्य समूहों में से एक बन गई है, जो एआई तकनीक का उपयोग करते हैं और एआई का आनंद लेते हैं.
संयुक्त भाषण में बल देते हुए कहा गया कि बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे अत्यंत महत्वपूर्ण हैं. संयुक्त भाषण में एआई के उच्च गुणवत्ता वाले विकास को बढ़ावा देने, बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करने और बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने का आह्वान किया गया.
संयुक्त भाषण में तीन प्रस्ताव रखे गये. पहला, हमें “बाल-उन्मुख” और “बच्चों के लिए एआई” के सिद्धांत का पालन करना चाहिए और बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रशिक्षित करने में एआई की महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए. दूसरा, निष्पक्षता और सार्वभौमिक लाभ का पालन करते हुए आदान-प्रदान और सहयोग को मजबूत करना चाहिए, विकासशील देशों को तकनीकी सहायता प्रदान करना, अनुभव और अच्छा अभ्यास साझा करना चाहिए. तीसरा, सभी देशों की संप्रभुता, कानूनों, राष्ट्रीय परिस्थितियों और ऐतिहासिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक पृष्ठभूमि का सम्मान करना चाहिए और इस आधार पर अंतर्राष्ट्रीय कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रशासन को मजबूत करना चाहिए.
बता दें कि यह विशिष्ट समूहों के अधिकारों को बढ़ावा देने वाली कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर मानवाधिकार परिषद में चीन द्वारा शुरू किए गए भाषणों की श्रृंखला में से एक है, और इसे संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से व्यापक समर्थन और प्रशंसा मिली है. चीन ने मानवाधिकार परिषद के 53वें सत्र में दिव्यांगों के अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर एक संयुक्त भाषण दिया था.
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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