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बीजिंग, 18 नवंबर . संयुक्त राष्ट्र में चीन के उप स्थायी प्रतिनिधि कंग श्वांग ने Monday को मध्य पूर्व को परमाणु हथियारों और अन्य सामूहिक विनाश के हथियारों (डब्ल्यूएमडी) से मुक्त क्षेत्र बनाने के छठे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में तीन प्रमुख प्रस्ताव रखे. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मध्य पूर्व में लंबे समय से तनाव व्याप्त है और टकराव लगातार बढ़ रहा है.
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को परमाणु हथियारों से मुक्त घोषित करना न केवल अंतर्राष्ट्रीय अप्रसार प्रणाली की प्रभावशीलता को बनाए रखने और हथियारों की होड़ एवं सशस्त्र संघर्ष के खतरे को कम करने में मददगार होगा, बल्कि यह क्षेत्रीय देशों के बीच आपसी विश्वास बढ़ाने में भी अहम भूमिका निभाएगा.
कंग श्वांग ने अपने संबोधन में कहा कि चीन ने मानव जाति के साझा भविष्य वाले समुदाय के निर्माण की अपनी अवधारणा को आगे बढ़ाया है, जिसके तहत वैश्विक विकास, वैश्विक सुरक्षा, वैश्विक सभ्यता और वैश्विक शासन जैसी पहलें शामिल हैं. उन्होंने विश्वास जताया कि चीन के ये समाधान और ज्ञान, जो विश्व में आए परिवर्तनों और गंभीर चुनौतियों का समाधान करते हैं, मध्य पूर्व को परमाणु-हथियार मुक्त क्षेत्र बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी महत्वपूर्ण साबित होंगे.
कंग श्वांग के अनुसार, चीन का मानना है कि सभी देशों को साझा सुरक्षा प्राप्त करने के लिए प्रयास करना चाहिए. उन्होंने स्पष्ट किया कि सैन्य टकराव सही रास्ता नहीं है, बल्कि बातचीत और सहयोग के ज़रिए ही क्षेत्रीय सुरक्षा हासिल की जा सकती है. अपने प्रस्तावों को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय अप्रसार प्रणाली को बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है. परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी), रासायनिक हथियार निषेध संधि (सीडब्ल्यूसी) और जैविक हथियार निषेध संधि (बीडब्ल्यूसी) जैसे अंतर्राष्ट्रीय समझौते, इस क्षेत्र को परमाणु-हथियार मुक्त बनाने की दिशा में एक मजबूत आधार प्रदान करते हैं.
कंग श्वांग ने सही दिशा-निर्देश तय करने की जरूरत पर भी बल दिया, और कहा कि मध्य पूर्व को परमाणु-हथियार मुक्त क्षेत्र बनाना इस क्षेत्र की जनता की शांति और विकास की साझा इच्छा का प्रतीक है.
कंग श्वांग ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, ख़ास तौर पर परमाणु-हथियार संपन्न देशों से इस प्रयास में सक्रिय सहयोग देने का आवाहन किया. उन्होंने जोर देकर कहा कि चीन इस पूरी प्रक्रिया में सभी पक्षों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है. इसके साथ ही, उन्होंने सभी परमाणु-हथियार संपन्न देशों से अपनी ज़िम्मेदारी का निर्वहन करते हुए, अरब देशों की वाजिब और उचित मांगों का समाधान करने और इस प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेने का भी आग्रह किया.
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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डीकेपी/