सामरिक सुरक्षा और हथियार नियंत्रण पर चीन का रुख और नीति

बीजिंग, 10 अक्टूबर . 80वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा की निरस्त्रीकरण और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा समिति में चीनी विदेश मंत्रालय के शस्त्र नियंत्रण विभाग के महानिदेशक सुन श्याओपो ने आम बहस में भाग लिया और उन्होंने रणनीतिक सुरक्षा और हथियार नियंत्रण के मुद्दों पर चीन का रुख और नीति को स्पष्ट किया, तथा बहुपक्षवाद का पालन करने और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने, वादे निभाने और अंतर्राष्ट्रीय कानून के शासन की रक्षा करने के सिद्धांतों का पालन करने, तथा सुधार और नवाचार का पालन करने और अंतर्राष्ट्रीय शासन में सुधार करने का आह्वान किया.

सुन श्याओपो ने कहा कि आज की दुनिया में, सभी देशों के सामने अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा वातावरण अधिक जटिल और गंभीर है. शीत युद्ध की मानसिकता का भूत अभी भी मौजूद है, हथियारों की होड़ बढ़ती जा रही है, निष्पक्षता और न्याय को कुचला जा रहा है, आधिपत्य और धौंस जमाने की गतिविधियां आम हो गई हैं, तथा बहुपक्षीय हथियार नियंत्रण तंत्र प्रभावित और नष्ट हो रहा है. हमें दृढ़तापूर्वक अंतर्राष्ट्रीय निष्पक्षता और न्याय की रक्षा करनी, सक्रिय रूप से विश्व शांति और अमन-चैन बनाए रखना तथा योग्यतम की उत्तरजीविता के जंगल कानून का दृढ़तापूर्वक विरोध करना चाहिए.

उन्होंने जोर देकर कहा कि चीन की परमाणु नीति हमेशा उच्च स्तर की स्थिरता, निरंतरता और पूर्वानुमानशीलता बनाए रखती है, जो वैश्विक रणनीतिक स्थिरता बनाए रखने के लिए अनुकूल है और अंतर्राष्ट्रीय परमाणु हथियार नियंत्रण के लिए एक बड़ा योगदान है. चीन की आत्मरक्षा की परमाणु रणनीति के प्रति प्रतिबद्धता में कोई परिवर्तन नहीं होगा, परमाणु हथियारों का पहले प्रयोग न करने की उसकी नीति में कोई परिवर्तन नहीं होगा, हथियारों की दौड़ में भाग न लेने की उसकी स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं होगा, सामरिक जोखिमों को कम करने के लिए वार्ता में भाग लेने की उसकी इच्छा में कोई परिवर्तन नहीं होगा, तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक न्यूनतम स्तर पर अपनी परमाणु शक्तियों को बनाए रखने की उसकी प्रतिबद्धता में कोई परिवर्तन नहीं होगा.

सुन श्याओपो ने और कहा कि चीन का आधुनिकीकरण शांतिपूर्ण विकास के मार्ग पर चलने वाला आधुनिकीकरण है और चीन हमेशा विश्व में शांति, स्थिरता और प्रगति की एक शक्ति बना रहेगा. चीन हमेशा इतिहास और मानव सभ्यता की प्रगति के सही पक्ष में खड़ा रहेगा, और अन्य देशों के साथ मिलकर अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की सक्रिय रूप से रक्षा करेगा, बहुपक्षीय शस्त्र नियंत्रण को आगे बढ़ाएगा, अशांत अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में और अधिक स्थिरता और निश्चितता लाएगा, और मानव जाति के साझा भविष्य वाले समुदाय का निर्माण करेगा.

(साभार-चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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