चीन की जलवायु प्रतिबद्धता : वैश्विक शासन के लिए एक बढ़ावा

बीजिंग, 30 सितंबर . 24 सितंबर को, चीनी President शी चिनफिंग ने संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान के नए दौर की घोषणा की, यानी कि 2035 तक, अर्थव्यवस्था-व्यापी शुद्ध ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन अपने चरम से 7 फीसदी से 10 फीसदी तक कम हो जाएगा.

इस ‘माइलस्टोन प्रतिबद्धता’ (जिसे बीबीसी ने वर्णित किया है) ने वैश्विक जलवायु शासन में महत्वपूर्ण गति प्रदान की है.

वर्तमान वैश्विक जलवायु स्थिति अत्यंत गंभीर है. पिछले एक दशक में ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन लगातार बढ़ रहा है. पिछले साल वैश्विक औसत वार्षिक तापमान परिवर्तन पहली बार 1.5 डिग्री सेल्सियस की महत्वपूर्ण सीमा को पार कर गया, जबकि कुछ प्रमुख देश अपनी जिम्मेदारियों से बच रहे हैं.

इस पृष्ठभूमि में, चीन, जो सबसे बड़ा विकासशील देश है, ने न केवल पांच साल पहले अपने ‘दोहरे कार्बन’ लक्ष्य निर्धारित किए थे, बल्कि अब पहली बार, सभी ग्रीनहाउस गैसों को शामिल करते हुए एक अर्थव्यवस्था-व्यापी पूर्ण उत्सर्जन कटौती लक्ष्य प्रस्तावित किया है, जो ‘उत्सर्जन कटौती को लगातार बढ़ावा देने’ के उसके दृढ़ संकल्प को दर्शाता है.

चीन के कदम पहले ही जड़ पकड़ चुके हैं. चीन ने दुनिया की सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा प्रणाली और नवीन ऊर्जा उद्योग श्रृंखला का निर्माण किया है. 2016 से विकासशील देशों को 177 अरब चीनी युआन से अधिक की सहायता प्रदान की है, और 100 से अधिक देशों के साथ हरित ऊर्जा सहयोग में संलग्न है.

अफ्रीका में पवन ऊर्जा परियोजनाओं से लेकर वैश्विक नवीन ऊर्जा वाहन आपूर्ति तक, चीन की ‘हरित उत्पादन क्षमता’ दुनिया को लाभान्वित कर रही है. डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के एक अधिकारी ने टिप्पणी की, ‘चीन वैश्विक निम्न-कार्बन परिवर्तन में विश्वास का संचार कर रहा है.’

शिखर सम्मेलन में, चीनी President शी चिनफिंग ने एक तीन-सूत्री पहल प्रस्तुत की, ‘विश्वास को मजबूत करना, जिम्मेदारियां उठाना और सहयोग को गहरा करना.’

उन्होंने ‘साझा लेकिन अलग-अलग जिम्मेदारियों’ पर जोर दिया और विकसित देशों से अपने दायित्वों को पूरा करने और उत्तर-दक्षिण की खाई को कम करने का आह्वान किया.

वैश्विक चुनौतियों का सामना करते हुए, चीन हमेशा से सक्रिय रहा है. अंतर्राष्ट्रीय परिस्थितियां चाहे कैसी भी हों, उत्सर्जन में कमी लाने की चीन की गति धीमी नहीं होगी, न ही उसके सहयोगात्मक प्रयास कमजोर होंगे. अपने वादे के अनुसार, चीन एक स्वच्छ और सुंदर विश्व के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाता रहेगा, जिससे वैश्विक जलवायु शासन के मार्ग को रोशन करने की उसकी प्रतिबद्धता को बल मिलेगा.

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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