बीजिंग, 26 सितंबर . चीन द्वारा वर्ष 2013 में शुरू की गई बेल्ट एंड रोड पहल का दुनिया भर में प्रभाव है. इसे वन बेल्ट वन रोड के नाम से भी जाना जाता है.
चीनी President शी चिनफिंग की महत्वाकांक्षी योजना का मकसद चीन की कनेक्टिविटी को विश्व के तमाम देशों के साथ मजबूत करना है. पिछले 12 वर्षों में यह योजना विश्व के कई देशों को लाभ पहुंचा चुकी है, साथ ही आने वाले समय में अन्य देश भी इससे जुड़ेंगे.
जाहिर है, चीन जिस तरह से वैश्विक मामलों में सक्रिय भूमिका निभाता है, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि भविष्य में बीआरआई का दायरा और विस्तृत होगा, जो पश्चिमी देशों के प्रभुत्व वाले ग्लोबल ऑर्डर का विकल्प साबित हो सकता है. इसके साथ ही चीन विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मंचों में सक्रिय भागीदारी करता है और अपनी जिम्मेदारी निभाता है. ऐसे में विभिन्न देशों का चीन के प्रति विश्वास बढ़ रहा है.
जानकार कहते हैं कि बेल्ट एंड रोड पहल एक नए विकास पथ का प्रतिनिधित्व करती है. यह एक बेहद महत्वपूर्ण परियोजना है जो दुनिया भर के महाद्वीपों और लोगों को जोड़ने का काम करती है.
इसके साथ ही बीआरआई पहल के तहत निवेश को बढ़ावा देने से बहुत बदलाव आ सकते हैं, और संपर्क व सहयोग को मजबूत करने से पारस्परिक लाभ हो सकते हैं. इटली के एक प्रतिनिधि ने कहा कि चीन आसियान देशों का एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार है, और इटली भी चीन के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों में से एक है. दोनों पक्षों ने व्यापार और अन्य क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हासिल की है.
उधर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की शांक्सी प्रांतीय समिति के सचिव चाओ येद कहते हैं कि शांक्सी का चीन को मध्य एशिया, पश्चिम एशिया और यूरोप से जोड़ने वाले एक प्रमुख केंद्र के रूप में व्यापक भौगोलिक लाभ है, जिसके चलते यह प्रांत खुलेपन का और विस्तार करने की योजना बना रहा है.
वहीं, चीन अंतर्राष्ट्रीय विकास सहयोग एजेंसी के पूर्व अध्यक्ष लुओ चाओहुई के अनुसार बीआरआई का संयुक्त निर्माण उच्च-गुणवत्ता वाले विकास के एक नए चरण में प्रवेश कर चुका है. बीआरआई को संबंधित देशों की विकास पहलों के साथ और अधिक संरेखित करने की आवश्यकता है.
बता दें कि हाल में शांक्सी प्रांत के शीआन में बेल्ट एंड रोड पहल को लेकर एक संगोष्ठी का आयोजन हुआ. इसमें हिस्सा लेने वाले प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों ने जोर देकर कहा कि चीन Government की यह अहम योजना आज के दौर में व्यापक महत्व रखती है; यह वैश्विक संबंधों और विकास के लिए काफी अहम है.
(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग, अनिल पांडेय)
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