चीन ने रूसी तेल कंपनियों पर अमेरिकी प्रतिबंधों का ‘विरोध’ किया

बीजिंग, 23 अक्टूबर . चीन ने Thursday को कहा कि वह यूक्रेन-रूस जंग को लेकर अमेरिका द्वारा दो सबसे बड़ी रूसी तेल कंपनियों पर लगाए गए हालिया प्रतिबंधों का विरोध करता है और कहा कि इन प्रतिबंधों का “अंतर्राष्ट्रीय कानून में कोई आधार नहीं है.”

रूस के एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार, चीन ने कहा है कि वह युद्ध पर तटस्थ रुख अपनाता है और 2022 में यूक्रेन पर मास्को के पूर्ण आक्रमण की निंदा करने से परहेज करता है.

बीजिंग में एक दैनिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नए अमेरिकी प्रतिबंधों के बारे में पूछे जाने पर, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा, “चीन लगातार ऐसे एकतरफा प्रतिबंधों का विरोध करता है जिनका अंतर्राष्ट्रीय कानून में कोई आधार नहीं है और जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा अधिकृत नहीं हैं.”

ट्रंप के इस बयान के बारे में एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कि चीनी President शी जिनपिंग युद्ध को समाप्त करने के प्रयासों में पुतिन पर “बड़ा प्रभाव” डाल सकते हैं, गुओ ने कहा कि “यूक्रेन संकट से निपटने का एकमात्र व्यावहारिक तरीका बातचीत और वार्ता है.”

उसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में, गुओ ने Wednesday को यूरोपीय संघ द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों की आलोचना की, जिनके निशाने पर चीनी कंपनियां भी थीं. उन्होंने कहा कि बीजिंग “इससे बेहद नाराज” है.

उन्होंने कहा, “चीन न तो यूक्रेन संकट का निर्माता है और न ही इसमें शामिल है.” उन्होंने आगे कहा, “यूरोपीय पक्ष चीनी और रूसी उद्यमों के बीच सामान्य आदान-प्रदान और सहयोग के बारे में गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी करने की स्थिति में नहीं है.”

गुओ ने ब्रुसेल्स से “चीन को मुद्दा बनाना बंद करने” का आग्रह किया और कहा कि बीजिंग “अपने वैध अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा.”

बता दें, एक बड़े नीतिगत बदलाव के तहत, डोनाल्ड ट्रंप ने Wednesday को रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए. उन्होंने स्पष्ट किया कि रोसनेफ्ट और लुकोइल के साथ-साथ दर्जनों सहायक कंपनियों पर नए प्रतिबंध “यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए शांति प्रक्रिया के प्रति रूस की गंभीर प्रतिबद्धता की कमी” के कारण लगाए गए हैं.

केआर/