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बीजिंग, 21 नवंबर . हाल ही में कई विदेशी मीडिया ने बताया कि वैश्विक स्वास्थ्य व सहायता प्रणाली अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना कर रही है. अमेरिका जैसे समृद्ध देशों द्वारा विकासशील देशों को अपनी मदद कम करने के साथ-साथ चीन इस क्षेत्र में अधिक सकारात्मक भूमिका निभा रहा है.
रॉयटर्स की 20 नवंबर की रिपोर्ट में बताया गया कि अमेरिका और जापान समेत दुनिया के सबसे अमीर देश धीरे-धीरे वैश्विक विकास के क्षेत्र में अपनी सहायता कम कर रहे हैं. ‘वैश्विक विकास प्रतिबद्धता सूचकांक’ दिखाता है कि कई देश वैश्विक स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन और प्रवास आदि प्रमुख क्षेत्रों में अपनी वित्तीय सहायता कम कर रहे हैं. इस रुझान के पीछे मुख्य रूप से विकसित देशों में नीतिगत बदलाव है.
ब्लूमबर्ग ने बताया कि वैश्विक स्वास्थ्य व सहायता में निधियों की कमी का सामना करते हुए, चीन धीरे-धीरे अफ्रीका को अपनी मदद बढ़ा रहा है. नवंबर 2025 में, चीन और दक्षिण अफ्रीका ने एक सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसमें चीन दक्षिण अफ्रीका को एचआईवी/एड्स की रोकथाम और इलाज के लिए 35 लाख डॉलर की विशेष मदद देगा. यह वैश्विक स्वास्थ्य शासन में चीन की बढ़ती अहम भूमिका और जिम्मेदारी को दिखा रहा है.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट है कि दक्षिण अफ्रीका में दुनिया की सबसे खराब एचआईवी/एड्स महामारी है, जहां लगभग 80 लाख लोग एचआईवी के साथ जी रहे हैं. चीन से दक्षिण अफ्रीका को यह मदद 54,000 स्थानीय युवाओं के लिए एचआईवी/एड्स की रोकथाम और इलाज को कवर करेगी.
रॉयटर्स और ब्लूमबर्ग दोनों की रिपोर्टें इस बात पर जोर देती हैं कि अमेरिका और अन्य विकसित देशों से वैश्विक स्वास्थ्य सहायता में कटौती से एड्स को खत्म करने की वैश्विक कोशिशों पर असर पड़ेगा.
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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एबीएम/