बीजिंग, 23 अगस्त . शांगहाई सहयोग संगठन (एससीओ) का थ्येनचिन शिखर सम्मेलन नजदीक आते ही, एससीओ के महासचिव नूरलान येरमेकबायेव ने चाइना मीडिया ग्रुप (सीएमजी) को एक विशेष साक्षात्कार दिया.
इस साक्षात्कार में, उन्होंने घूर्णन अध्यक्ष देश के रूप में चीन के कार्यकाल के दौरान प्राप्त उपलब्धियों की सराहना की. उन्होंने कहा कि एससीओ की एक अद्वितीय श्रेष्ठता है और यह एक प्रगतिशील तथा गतिशील संगठन है.
येरमेकबायेव ने बताया कि यह शिखर सम्मेलन चीनी जनता के जापानी आक्रमण-विरोधी युद्ध और विश्व फासीवाद-विरोधी युद्ध की 80वीं वर्षगांठ के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की 80वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है. इस सम्मेलन में कई महत्वपूर्ण राजनीतिक और आर्थिक दस्तावेजों को पारित किए जाने की उम्मीद है. इनमें सबसे महत्वपूर्ण थ्येनचिन घोषणापत्र है, जो अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों, राजनीति, सुरक्षा, और अर्थव्यवस्था जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सदस्य देशों के नेताओं के दृष्टिकोण को दर्शाएगा. इसके अलावा, एक और महत्वपूर्ण दस्तावेज एससीओ की 10-वर्षीय विकास रणनीति होगी, जिसे शिखर सम्मेलन में तैयार किया जाएगा और जो अगले दशक के लिए संगठन की प्राथमिकताओं को रेखांकित करेगा.
महासचिव ने चीन के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि चीन एससीओ के संस्थापक सदस्यों में से एक है. पिछले 24 वर्षों से, चीन ने संगठन के उद्देश्यों और सिद्धांतों को दृढ़ता से बनाए रखा है, सहयोग को गहरा किया है, और सदस्य देशों के बीच आपसी विश्वास और मित्रता बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
उन्होंने कहा कि एससीओ के घूर्णन अध्यक्ष देश के रूप में चीन एक बेहद सकारात्मक भूमिका निभा रहा है.
येरमेकबायेव का मानना है कि एससीओ की सफलता “शांगहाई भावना” के सिद्धांतों के पालन से उपजी है. यह भावना सुनिश्चित करती है कि संगठन के भीतर कोई भी देश, चाहे वह बड़ा हो या छोटा, महत्वपूर्ण हो या न हो, सभी समान हैं. विकास इसके मूल सिद्धांतों में से एक है.
उन्होंने कहा कि एससीओ एक गतिशील और प्रगतिशील संगठन है, जो बदलती परिस्थितियों के साथ तालमेल बिठाता है और चुनौतियों का तेजी से मुकाबला करता है. यह न केवल प्रमुख घटनाओं पर त्वरित प्रतिक्रिया देता है, बल्कि भविष्य के संभावित संघर्षों को कम करने के लिए भी सक्रिय रूप से कदम उठाता है.
येरमेकबायेव ने इस बात पर जोर दिया कि आर्थिक और व्यापारिक सहयोग एससीओ की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है. सभी सदस्य देश आपसी विश्वास और सहयोग को हर पहलू में गहरा कर रहे हैं, जो गरीबी उन्मूलन, सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने, उग्रवाद और आतंकवाद का मुकाबला करने, और अन्य चुनौतियों व खतरों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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