21वीं सदी के मध्य तक एक मजबूत कृषि राष्ट्र बनने के लिए अग्रसर चीन

बीजिंग, 18 अप्रैल . चीन एक कृषि प्रधान देश है, जो भारी मात्रा में अनाज उत्पादन करता है. हालांकि विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के चलते मुश्किलें भी पेश आती हैं. बाढ़, सूखा व सुनामी जैसी आपदाओं ने चीन के साथ-साथ भारत और अन्य देशों को परेशान कर रखा है. जबकि खाद्य सुरक्षा भी एक बड़ी चुनौती के रूप में उभरी है. इससे निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर कोशिशें जारी हैं. जहां तक चीन का सवाल है, वह खाद्य संकट से निपटने के लिए व्यापक रूप से काम कर रहा है. इसके लिए नई तकनीक अपनाने पर ध्यान दिया जा रहा है. साथ ही शोध और विकास कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं.

इस दौरान चीन ने वर्ष 2035 तक कृषि में अपनी ताकत बढ़ाने के लिए एक व्यापक योजना जारी की है. बताया जाता है कि सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा को मजबूत करना है. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों का आधुनिकीकरण करते हुए देश की वैश्विक कृषि प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना है. कहा गया है कि जिस तरह देश में कृषि क्षेत्र का विकास हो रहा है, उसे देखते हुए चीन 21वीं सदी के मध्य तक एक मजबूत कृषि राष्ट्र बन जाएगा.

बता दें कि इस योजना के तहत देश में कृषि क्षेत्र की नींव मजबूत करने के लिए एक व्यापक रोडमैप की रूपरेखा तैयार की गई है. इसे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति और राज्य परिषद ने संयुक्त रूप से जारी किया है.

बताया जा रहा है कि चीन लगातार कृषि क्षेत्र के आधुनिकीकरण के लिए गंभीरता से जुटा हुआ है. इसके तहत वर्ष 2027 तक कृषि आधुनिकीकरण में उल्लेखनीय प्रगति होने की उम्मीद है. इसके लिए सरकार न केवल खाद्य सुरक्षा पर फोकस कर रही है, बल्कि उच्च-मानक वाली कृषि भूमि का विस्तार करने पर ध्यान दिया जा रहा है. इसके साथ ही, ग्रामीण लोगों के जीवन में सुधार लाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है.

चीन द्वारा हाल में जारी योजना के अनुसार, बीज प्रौद्योगिकी और कृषि मशीनरी में हासिल सफलता के कारण अनाज उत्पादन क्षमता 700 मिलियन मीट्रिक टन तक पहुंचने वाली है. इसी कड़ी में चीन ने वर्ष 2035 तक कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों के बुनियादी आधुनिकीकरण को साकार करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके लिए शहरी और ग्रामीण विकास के अंतर को कम करने पर ध्यान दिया गया है, जो कि ग्रामीण क्षेत्रों के सर्वांगीण पुनरुद्धार में प्रगति हासिल करने की दिशा में भी अहम भूमिका निभाएगा. इस तरह उम्मीद है कि चीन 21वीं सदी के मध्य तक पूरी तरह से एक मजबूत कृषि राष्ट्र बन जाएगा.

इस योजना में कृषि में वैज्ञानिक नवाचार के लिए प्रमुख उपायों पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें बीज प्रौद्योगिकी, सटीक खेती और डिजिटल कृषि में सफलता शामिल है. इसके अलावा, चीन विश्व स्तरीय कृषि अनुसंधान संस्थानों का निर्माण करेगा और अनुसंधान केंद्रों और प्रमुख कृषि क्षेत्रों के बीच घनिष्ठ सहयोग को बढ़ावा देगा. योजना के अनुसार, स्मार्ट खेती की पहल के तहत बिग डेटा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और उपग्रह निगरानी को आधुनिक कृषि कार्यों में एकीकृत किया जाएगा.

विशेषज्ञों के मुताबिक, यह योजना एक मजबूत कृषि राष्ट्र के निर्माण, ग्रामीण जीवन शक्ति और कृषि तथा ग्रामीण क्षेत्रों के आधुनिकीकरण के बीच संबंधों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करती है.

कहा जा सकता है कि चीन कृषि के क्षेत्र में तकनीक का सफलता से इस्तेमाल कर रहा है, जिस तरह से हाल के वर्षों में चीन में बड़ी मात्रा में अनाज उत्पादन हुआ है, वह पूरे विश्व के लिए अच्छी खबर है, क्योंकि, चीन में पैदा होने वाला अनाज अन्य देशों में भी निर्यात किया जाता है. जो खाद्य संकट से जूझ रहे देशों के लिए बड़ी सहायता है. उम्मीद है कि चीन लगातार कृषि आधुनिकीकरण पर ध्यान देगा.

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

एबीएम/