चीन ने प्रशांत द्वीप देशों के साथ तीसरी विदेश मंत्रियों की बैठक आयोजित की

बीजिंग, 29 मई . सीपीसी केंद्रीय समिति के पोलित ब्यूरो के सदस्य और चीनी विदेश मंत्री वांग यी और किरिबाती के राष्ट्रपति और विदेश मंत्री तानेटी मामाऊ ने चीन के श्यानमन शहर में तीसरे चीन-प्रशांत द्वीप देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक की सह-अध्यक्षता की.

वांग यी ने कहा कि इस वर्ष चीन और प्रशांत द्वीप देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ है. दोनों पक्षों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध पहाड़ों और समुद्रों को पार कर अंतहीन रूप से फैले हुए हैं. चाहे अंतर्राष्ट्रीय स्थिति कितनी भी क्यों न बदल जाए, चीन हमेशा प्रशांत द्वीप देशों को अच्छे दोस्त, अच्छे साझेदार और अच्छे भाई के रूप में मानता है.

चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रशांत द्वीप देशों के नेताओं के रणनीतिक मार्गदर्शन में चीन-प्रशांत द्वीप देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी ने नई जीवंतता दिखाई है, नई उपलब्धियां हासिल की हैं और एक नए स्तर पर पहुंची है.

वांग यी ने चीन और प्रशांत द्वीप देशों के लिए साझे भविष्य वाले समुदाय के निर्माण पर छह सुझाव दिए: पहला, हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए. दूसरा, हमें विकास को प्राथमिकता देनी चाहिए. तीसरा, हमें लोगों को केंद्र में रखना चाहिए. चौथा, हमें आदान-प्रदान और आपसी सीख को बनाए रखना चाहिए. पांचवां, हमें निष्पक्षता और न्याय बनाए रखना चाहिए और छठा, हमें खुशियां साझा करना और सहयोग करके कठिनाइयों का मुकाबला करना चाहिए.

विदेशी पक्षों ने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा प्रस्तावित मानव जाति के लिए साझा भविष्य वाले समुदाय के निर्माण की अवधारणा, “चार पूर्ण सम्मान” के सिद्धांत और तीन प्रमुख वैश्विक पहलों की अत्यधिक सराहना की और द्वीप देशों के विकास के लिए चीन के दीर्घकालिक मूल्यवान समर्थन के लिए धन्यवाद दिया. सभी पक्षों ने सर्वसम्मति से “तीसरी चीन-प्रशांत द्वीप देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक का संयुक्त वक्तव्य” पारित किया. चीन ने विदेश मंत्रियों की इस बैठक में पहुंची आम सहमति को लागू करने के उपायों की एक सूची भी जारी की, जिसमें “जलवायु परिवर्तन पर प्रशांत द्वीप देशों के साथ सहयोग को गहरा करने की चीन की पहल” भी शामिल है.

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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