चीन और मलेशिया ने संयुक्त रूप से ‘स्वर्णिम 50 वर्ष’ के लिए नया खाका तैयार किया

बीजिंग, 18 अप्रैल . वर्ष 2023 में चीन और मलेशिया ने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ मनाई और चीन-मलेशिया साझे भविष्य वाले समुदाय के निर्माण की घोषणा की. हाल ही में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने मलेशिया की राजकीय यात्रा की. दोनों पक्षों ने चीन-मलेशिया संबंधों के लिए एक नए ‘स्वर्णिम 50 वर्ष’ बनाने और चीन-मलेशिया सहयोग की गति तेज करने पर सहमति व्यक्त की.

चीन-मलेशिया संबंधों का सुधार और उन्नयन दोनों देशों की गहरी मित्रता और समान विकास दृष्टिकोण से उपजा है. दोनों देशों के आर्थिक लाभ एक-दूसरे के पूरक हैं. विश्व में हो रहे परिवर्तनों का सामना करते हुए दोनों पक्षों ने सक्रिय रूप से क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा दिया है और एकतरफा व्यापार प्रतिबंधों का विरोध किया है, जिससे द्विपक्षीय सहयोग के लिए ठोस आधार तैयार हुआ है. राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा प्रस्तुत तीन सुझावों, अर्थात “रणनीतिक स्वतंत्रता को बनाए रखना, विकास के लिए तालमेल बनाना और पीढ़ी दर पीढ़ी मित्रता को विरासत में प्राप्त करना”, ने राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक आयामों से चीन-मलेशिया संबंधों की दिशा को इंगित किया है.

इस यात्रा के दौरान, दोनों देशों के नेताओं के बीच कई सहमतियां बनीं, जो न केवल द्विपक्षीय मुद्दों पर आधारित थीं, बल्कि द्विपक्षीय मुद्दों से भी आगे की थीं. दोनों पक्षों ने मूल हितों और प्रमुख चिंताओं पर अपने पारस्परिक समर्थन की पुष्टि की तथा उच्च स्तर का राजनीतिक पारस्परिक विश्वास प्रदर्शित किया. साथ ही, चीन और मलेशिया दोनों चुनौतियों का सामना करने के लिए एकता और सहयोग को मजबूत करने और बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की संयुक्त रूप से रक्षा करने की वकालत करते हैं, जिससे दुनिया को सकारात्मक संकेत मिलेगा.

व्यावहारिक सहयोग चीन-मलेशिया संबंधों का आधार है. चीन लगातार कई वर्षों से मलेशिया का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार और निवेश का प्रमुख स्रोत रहा है और दोनों पक्षों के बीच सहयोग से फलदायी परिणाम सामने आए हैं. इस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने विभिन्न क्षेत्रों को कवर करने वाले 30 से अधिक द्विपक्षीय सहयोग दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया, जिससे यह संकेत मिलता है कि चीन-मलेशिया व्यावहारिक सहयोग अधिक घनिष्ठ और उच्च गुणवत्ता वाला होगा.

सांस्कृतिक आदान-प्रदान के संदर्भ में, चीन और मलेशिया का एक लंबा इतिहास है. जंग हे की पश्चिम की यात्राओं से लेकर दक्षिण-पूर्व एशिया में चीनी लोगों की यात्रा तक, कई अद्भुत कहानियां मौजूद हैं. दोनों पक्ष विभिन्न सभ्यताओं के बीच आपसी सीख और आपसी लाभ को बढ़ावा देने के लिए ‘कन्फ्यूशियस और इस्लामी सभ्यता संवाद’ का समर्थन करते हैं, जिससे सभ्यताओं के बीच वैश्विक आदान-प्रदान और आपसी सीख के लिए एक उदाहरण स्थापित होता है. साथ ही, दोनों देशों ने वीजा छूट समझौते पर हस्ताक्षर किए और पर्यटन, संस्कृति, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को गहरा किया, जिससे चीनी और मलेशियाई लोगों के बीच आध्यात्मिक दूरी और कम हो जाएगी.

नए युग में साझे भविष्य वाले उच्च स्तरीय रणनीतिक चीन-मलेशिया समुदाय का निर्माण करते हुए दोनों देशों के लोगों के दिलों को जीतेंगे और सामान्य प्रवृत्ति का अनुसरण करेंगे. दोनों देशों के बीच लंबे इतिहास में संचित मैत्री नई यात्रा में एक नया अध्याय लिखेगी. यह पूर्वानुमान लगाया जा सकता है कि चीन और मलेशिया के बीच नए ‘स्वर्णिम 50 वर्ष’ और भी बेहतर होंगे, जिससे दोनों देशों की जनता को अधिक लाभ मिलेगा और क्षेत्रीय व विश्व में शांति व विकास के लिए और अधिक योगदान मिलेगा.

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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