बीजिंग, 16 जनवरी . जापान की सत्तारूढ़ पार्टी के प्रतिनिधिमंडल की तीन दिवसीय चीन यात्रा बुधवार को समाप्त हुई. चीन में दोनों पक्षों ने सत्तारूढ़ पार्टियों के आदान-प्रदान व्यवस्था की नौवीं बैठक का आयोजन किया. बताया जाता है कि यह छह साल से अधिक समय के बाद इस व्यवस्था की पुनः शुरुआत है.
दोनों पक्षों ने आशा जताई कि नए साल में घनिष्ठ बातचीत और संपर्क कायम रहेगा. इससे चीन-जापान संबंधों का सुधार बढ़ाया जाएगा.
14 जनवरी को आयोजित बैठक में दोनों पक्षों ने आपसी विश्वास, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आपसी लाभ वाला सहयोग बढ़ाने पर गहन रूप से विचार-विमर्श किया और कई सहमतियां कायम की.
इस मौके पर सीपीसी केंद्रीय समिति के अंतर्राष्ट्रीय विभाग के प्रमुख ल्यू च्येनछाओ ने कहा कि अब चीन-जापान संबंध सुधार और विकास के कुंजीभूत दौर में हैं. एशिया में महत्वपूर्ण देश होने के नाते चीन और जापान की एशिया की शांति, स्थिरता और समान विकास बढ़ाने की जिम्मेदारी है.
वहीं, जापान की गोंमिंग पार्टी के प्रमुख मकोतो निशिदा ने कहा कि हालांकि जापान और चीन के बीच अनसुलझे सवाल मौजूद हैं, लेकिन इनका वार्ता के जरिए समाधान किया जा सकता है. बेशक, सत्तारूढ़ पार्टियों के बीच आदान-प्रदान व्यवस्था की भूमिका बहुत अहम है.
बताया जाता है कि राजनीतिक पार्टियों के बीच आदान-प्रदान चीन-जापान संबंधों का महत्वपूर्ण भाग है. चीन-जापान सत्तारूढ़ पार्टियों की आदान-प्रदान व्यवस्था वर्ष 2004 में स्थापित हुई थी. लेकिन, कोविड-19 महामारी, विशेषकर चीन-जापान संबंधों के खराब होने आदि कारणों से इसे स्थगित किया गया.
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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