कफ सिरप से बच्चों की मौत : आईएमए ने किया बाल रोग विशेषज्ञ की गिरफ्तारी के विरोध में एकजुटता का आग्रह

New Delhi, 10 अक्टूबर . Madhya Pradesh में कफ सिरप से बच्चों की दुखद मौत के मामले में एक बाल रोग विशेषज्ञ की गिरफ्तारी के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने अपने सभी सदस्यों से एकजुटता प्रदर्शित करने का आग्रह किया है.

आईएमए ने इस कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए पहले ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को अवगत करा दिया है, इसे अन्यायपूर्ण ठहराया है. आईएमए का स्पष्ट मत है कि डॉक्टरों को दवाओं के निर्माण में हुई गलती के लिए जिम्मेदार ठहराना गलत है, क्योंकि यह मामला उनके नियंत्रण और अधिकार क्षेत्र से बाहर का है. डॉक्टरों का काम इलाज करना है, न कि दवा बनाना.

आईएमए के अनुसार, डॉक्टर मंजूरी प्राप्त मानकों और प्रोटोकॉल के आधार पर दवाएं लिखते हैं. निर्माण में चूक के लिए उन्हें दोष देना चिकित्सा पेशे के मनोबल को ठेस पहुंचाता है और गलत मिसाल पेश करता है. इस अन्याय के खिलाफ संघ ने देशभर के डॉक्टरों से अपील की है कि वे अपने सहकर्मी की रिहाई और इस मामले की वापसी तक काम के दौरान काले बैज या रिबन पहनें. यह कदम विरोध और एकजुटता का प्रतीक होगा.

आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. दिलीप भानुशाली और मानद महासचिव डॉ. सरबरी दत्ता ने एक पत्र में कहा कि यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन चिकित्सा पद्धति के अपराधीकरण के खिलाफ एक मजबूत आवाज बनाएगा. उन्होंने डॉक्टरों से अपने संस्थानों और समुदायों में जागरूकता फैलाने की भी अपील की है. उनका कहना है कि हमें मिलकर हर चिकित्सा पेशेवर की गरिमा और सुरक्षा की रक्षा करनी चाहिए.

इस घटना ने चिकित्सा समुदाय में गहरी चिंता पैदा की है. गलत सिरप से बच्चों की मौत दुखद है, लेकिन डॉक्टरों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराना सही नहीं है. आईएमए का मानना है कि Government को निर्माण कंपनियों और नियामक प्राधिकरणों पर ध्यान देना चाहिए, न कि डॉक्टरों को निशाना बनाना चाहिए. डॉक्टरों से उम्मीद है कि वे इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और अपनी आवाज उठाएं.

आईएमए ने जोर देकर कहा कि यह लड़ाई केवल एक डॉक्टर की रिहाई के लिए नहीं, बल्कि पूरे चिकित्सा वर्ग के सम्मान के लिए है.

एसएचके/एएस